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Friday, March 29, 2024
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंड

रामगढ़ उपचुनाव में 67.96 प्रतिशत हुआ मतदान, प्रत्याशियों की किस्मत EVM में कैद

रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव 2023

रामगढ़ : रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव सोमवार को शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। 67.96 प्रतिशत वोटिंग हुई है। सभी 18 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। वोटिंग के बाद आजसू और कांग्रेस उम्मीदवार अब आमने-सामने हैं। जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, यह तो दो मार्च को ईवीएम का पिटारा खुलने के बाद सबके सामने होगा। लेकिन मतदान के बाद जो रुझान सामने आए हैं, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि आजसू और कांग्रेस उम्मीदवार के बीच कड़ी लड़ाई है।

जनता के लिए टेस्ट मैच की तरह नहीं था यह उपचुनाव

ग्रामीण इलाके से लेकर शहरी इलाके तक बूथ पर मतदाताओं की भीड़ ने यह बता दिया कि यह उपचुनाव उनके लिए कोई टेस्ट मैच नहीं था। जनता ने इस चुनावी उत्सव को बड़ी गंभीरता से लिया और बहुत ही सूझबूझ के साथ वोटिंग भी की है। रामगढ़ विधानसभा का सुदूरवर्ती इलाका हो या फिर मॉडल बूथ, हर जगह मतदाताओं की भीड़ देखने को मिली। खामोश मतदाताओं ने जिस तरह वोटिंग परसेंटेज के आंकड़े को बढ़ाया है, उससे उम्मीदवारों को जीत की उम्मीदें भी बढ़ी है। इस उपचुनाव में बढ़े हुए वोट परसेंटेज को राज्य सरकार से जनता की नाराजगी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

रामगढ़ वासियों के दिल से एक बार फिर जुड़े चंद्रप्रकाश

आम नागरिकों के बीच चर्चा यह भी है कि चंद्र प्रकाश चौधरी ने विकास पुरुष के अपने इस उपाधि को एक बार फिर बचाने में कामयाबी हासिल की है। जिस तरह उनके पूरे इलाके में वोटर खुलकर बाहर आए हैं, उससे चंद्र प्रकाश चौधरी के चेहरे की मुस्कान भी लौट आई है। इस चुनाव में उनकी पत्नी सुनीता चौधरी उम्मीदवार हैं। इस चुनाव का रिजल्ट चाहे जो हो, लेकिन आम नागरिकों का विश्वास एक बार फिर चंद्रप्रकाश चौधरी के साथ जुड़ गया है।

कितने सफल हुए बागी पुटूस और झापा के संतोष

रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में दो उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष किया। इनमें सबसे पहला नाम भाजपा के बागी हुए धनंजय कुमार पुटूस का हैं। इस उपचुनाव में वह कितने सफल हुए यह तो कहना मुश्किल है। लेकिन रामगढ़ शहरी क्षेत्र में इनकी प्रसिद्धि देखने को मिली। पुटूस के प्रशंसक हर बूथ पर नजर आए। प्रशंसकों की इस भीड़ को ईवीएम में किस तरह पुटूस डाल पाए हैं, यह तो दो मार्च को ही पता चलेगा। लेकिन एक बात तय है कि इस पूरे चुनाव में प्रचार के दौरान भी धनंजय को लोगों ने खूब सराहा है। आम नागरिकों की नि:स्वार्थ भाव से की गई सेवा और कोरोना काल में लोगों का किया गया सहयोग आम नागरिकों ने भी याद रखा है।

झारखंड पार्टी के उम्मीदवार संतोष महतो ने भी अपने इलाके में लोगों की खूब सेवा की है। आम नागरिकों के लिए वे प्रशासन तक से भिड़ गए हैं। लेकिन जनता का प्यार उपचुनाव में उन्हें उम्मीद से कम ही मिला है। चुनावी रेस में तो वे कभी थे ही नहीं। लेकिन ईवीएम में उनके कितने समर्थक उनकी मदद कर पाए हैं यह काउंटिंग के दिन ही पता चलेगा।

ममता को मिलेगा न्याय या सुनीता को मिलेगी विरासत

इस उपचुनाव में ममता देवी और उनके छह महीने के बच्चे को लेकर काफी संवेदनशील बातें जनता के बीच हुई हैं। सारी बातें इस बिंदु पर केंद्रित थी कि उन्हें न्याय मिलना चाहिए। दूसरी तरफ विकास पुरुष की उपाधि से नवाजे गए चंद्र प्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी हैं। जो अपने पति की विरासत को आगे बढ़ाना चाहती हैं। जनता अगर उन्हें कमान सौंपती है, तो वह भी विकास की गंगा को एक बार फिर बहाने के लिए तैयार हैं। जनता की उम्मीदों पर इन दोनों में से कौन खरा उतरा है यह दो वक्त ही बताएगा।

रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव 2023