लातेहार: पत्रकार को जेल भेजने के मामले में कोर्ट ने मनिका थाना प्रभारी को जारी किया कारण बताओ नोटिस
बयान से मुकरे गवाह, कहा- पुलिस के दबाव व डर से दी थी झूठी गवाही
लातेहार : अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शशि भूषण शर्मा की अदालत ने मनिका थाना कांड संख्या 28/2024 में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद मनिका थाना प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
मालूम हो कि मनिका थाना पुलिस ने टायर चोरी के मामले में पत्रकार अशोक यादव को तीन मई को जेल भेजा था। मनिका थाना पुलिस ने पत्रकार को अदालत में पेश करते हुए अदालत से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत लल्लू राम, देवनारायण सिंह और विजय सिंह नामक तीन गवाहों की गवाही लेने का अनुरोध करते हुए कहा था कि इन गवाहों के बयान के आधार पर अशोक यादव को चोरी के सामान के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।
आदेश जारी होते ही पुलिस ने तीनों गवाहों को कोर्ट में पेश किया। जिसमें लल्लू राम नामक गवाह ने न्यायिक दंडाधिकारी को बताया कि मनिका थाने में पुलिस ने उसे बुरी तरह पीटा और उसका हाथ तोड़ दिया, जिससे डर कर उसने घटना में पुलिस को झूठी गवाही दी। हकीकत तो यह है कि पुलिस ने उस पर झूठ बोलने का दबाव बनाया था।
दूसरे गवाह विजय सिंह ने अदालत को बताया कि पुलिस के डर से उसने पुलिस के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था, जबकि उसने चोरी होते नहीं देखी थी। उसे घटना की कोई जानकारी नहीं थी।
मालूम हो कि मनिका थाना पुलिस ने प्राथमिकी में कहा था कि अशोक यादव ने ब्लॉक परिसर में सफाई का ठेका लिया था और इसी क्रम में मनिका थाना द्वारा जब्त किये गये एक ट्रक का टायर का रिम खोलकर घर ले गया था। प्रत्यक्षदर्शी कर्मियों की सूचना के बाद टायर बरामद कर लिया गया और उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी के अधिवक्ता सुनील कुमार ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने के बाद अदालत के समक्ष थानेदार की करतूतों का खुलासा हुआ और श्री शर्मा की अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया।
अधिवक्ता ने कहा कि पुलिस की करतूत पुलिस द्वारा पेश किये गये गवाहों ने मजिस्ट्रेट के समक्ष मामले का खुलासा कर दिया है। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने गवाह का हाथ टूटने की सूचना पुलिस अधीक्षक लातेहार को भेजने का आदेश पारित किया है। फिलहाल ये एक सनसनीखेज मामला है।
बताया गया कि मनिका पुलिस की बात नहीं मानने और उनके अनुसार ख़बरें प्रकाशित नहीं करने से नाराज मनिका पुलिस के द्वारा लगातार पत्रकारों पर दमनात्मक कार्रवाई की जा रही है, जबकि वरीय पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। मनिका पुलिस लगातार पत्रकारों पर दमनात्मक कार्रवाई कर रही है और झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेज रही है। कोर्ट के इस रुख के बाद मनिका थाने में हड़कंप मच गया है।
Manika Latehar Journalist Case