मनिका: करोड़ों की लागत से हो रहे सड़क निर्माण में धांधली, बालू की जगह डस्ट से हो रही ढलाई
कौशल किशोर पांडेय/मनिका
लातेहार : तुंबागड़ा-केड़ पथ निर्माण में व्यापक पैमाने धांधली बरते जाने का मामला प्रकाश में आया है। पथ निर्माण में मनिका प्रखंड के रांकि कला गांव में शनिवार को हो रही पीसीसी पथ की ढलाई सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर किया जा रहा था।

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गुणवत्ता को ताक पर रखकर संवेदक करा रहा है काम, विभाग मौन
ग्रामीणों ने बताया कि पीसीसी पथ निर्माण में बालू की जगह पत्थर के डस्ट खुलेआम मिलाया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना था कि संवेदक पूरी मनमानी तरीके से सारे गुणवत्ता को दरकिनार कर सिर्फ डस्ट से ढलाई कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि डस्ट से ढलाई होने के बाद सड़क का क्या हाल होगा सोचने वाली बात है।
निर्माण स्थल नहीं थे जेई, जैसे-तैसे संवेदक करा रहा था काम
ग्रामीणों का कहना है कि जहां बालू से ढलाई किया जाना है वहां पर संवेदक डस्ट लाकर सीमेंट की मात्रा को छुपाने के लिए उपयोग कर रहा है। सबसे हम खबर है कि सड़क निर्माण स्थल पर संबंधित विभाग के कनीय अभियंता भी मौजूद नहीं थे। जबकि संवेदक बेधड़क मिक्सर मशीन में डस्ट डलवाकर लेकर ढलाई करवा रहा था।

गुणवत्ता को किया जा रहा दरकिनार
हालांकि कई ग्रामीणों ने बताया कि बालू के महंगा होने के कारण जेई डस्ट के लिए संवेदक को पूरी तरह से छूट दे दी है। ग्रामीणों का कहना था कि जेई खुलेआम बोल रहा था कि इस काम का एमबी मैं बुकिंग करूंगा इसलिए कुछ नहीं होने दूंगा। जबकि करोड़ों की लागत से बन रहे पथ में सारी गुणवत्ता को दरकिनार कर संवेदक और विभाग आपस में घाल-मेल कर लिया है।
क्या है डीपीआर
पीसीसी पथ ढलाई में बालू शरीर की विभिन्न मात्रा और सीमेंट मिलाने का प्रावधान किया जाता है। डस्ट से ढलाई किस परिस्थिति में कराया जा रहा है यह जांच का विषय है।