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बारियातू में सरना पूजा महोत्सव का आयोजन, कहा- प्रकृति पूजा ही हम आदिवासियों का पौराणिक धर्म

बारियातू/संजय राम

लातेहार : बारियातू प्रखंड के गोनिया पंचायत अंतर्गत विश्रामपूर सरना स्थल में रविवार को आठवां राजा पड़हा सरना प्रार्थना सभा के द्वारा एक दिवसीय सरना पूजा महोत्सव मनाया गया।

सरना पूजा महोत्सव में रांची जिला के मांडर से आए मुख्य अतिथि सुका उरांव, वीरेंद्र उरांव, संजय उरांव ने उपस्थित सरना धर्मावलंबियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आदिवासी आदिकाल से भारत में निवास करने वाले मानव हैं। आदिवासियों की धरोहर जल, जंगल, जमीन है इसलिए हम सबों के पूर्वज प्राकृतिक पूजक थे। प्रकृति पूजा ही हम आदिवासियों का पौराणिक धर्म है।

हमलोग मानव जीवन को सुख समृद्धि सुख शांति जीवन जीने के लिए सरना धर्म के तत्वाधान में प्राकृतिक पूजा करते हैं। इसलिए हम आदिवासियों को अपने प्राकृतिक धर्म का जीवन जीना चाहिए।

इसके पूर्व मानव जीवन में भोजन की उपयोग के लिए धान की बाली और मीट्टी के बर्तन में पुराने आदिवासी परम्परागत तरीके से दीपक जलाकर उत्सव की शुरुआत की गई। ठीक इसके पश्चात् उपस्थित मुख्य अतिथि एंव विशिष्ठ अतिथियों को फूल माला और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

वहीं कार्यक्रम को लातेहार जिला अध्यक्ष अशोक उरांव, सचिव उरांव, पुजारी जतरू उरांव, अगुवा राजकुमार उरांव ने भी सम्बोधित किया। मौके पर गांव की युवतियाँ ने कई मनमोहक आदिवासी स्वागत गीत प्रस्तुत किया। मंच का संचालन विनय उरांव ने की।

मौके पर दिनेश उरांव, सुरेंद्र उरांव, झिरँगा उरांव, आशा उरांव, रीना, मुनिया,रुपनी, राजमनी, दिलीप, नेमा, सुगनी, राजो, चिंता, शिबू, शिवनाथ, सरिता सहित काफ़ी संख्या में आदिवासी महिला-पुरुष, युवक- युवतियां मौजूद थीं।


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