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Friday, April 26, 2024
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झारखंड कैबिनेट से निकाले जाएंगे कांग्रेस के तीन मंत्री, शामिल होंगे हेमंत का चहेता चेहरा

रांची : झारखंड कैबिनेट में संभावित बदलावों को देखते हुए कांग्रेस कोटे के मंत्री अभी से बदलते नजर आ रहे हैं। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस कोटा मंत्री आलमगीर आलम को छोड़कर अन्य तीन मंत्रियों रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख की सक्रियता कम देखने को मिल रही है। इसका असर पार्टी के विधायकों पर भी पड़ा है। विधायकों की बॉडी लैंग्वेज भी ढीली है। विधानसभा सत्र के दौरान आम तौर पर विधायक मिलजुल कर मौज-मस्ती करते हैं और साथ में लंच भी करते हैं, लेकिन कांग्रेस विधायक सदन की कार्यवाही में कैजुअल तरीके से हिस्सा लेते नजर आते हैं।

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सदन में भी तालमेल नहीं

इससे पहले विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच कांग्रेस विधायक भी दखल देने के लिए आगे आते थे। लेकिन अब वे बेपरवाह हैं। वे अलग और अकेले लगते हैं। इतना ही नहीं आपस में कोई तालमेल नहीं है। ऐसा लगता है कि विधायक सिर्फ औपचारिकताएं कर रहे हैं। इसे बंगाल में सत्ताधारी दल में बैठे कांग्रेस के तीन विधायकों की गिरफ्तारी से भी जोड़ा जा रहा है। पार्टी के ही विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह द्वारा उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद विधायक दो फाड़ हो गए हैं। विधायकों के एक वर्ग ने इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाडी को पार्टी से निलंबित करने का विरोध किया है।

तीन मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को कैबिनेट में किया जा सकता है शामिल

इसकी शिकायत पार्टी विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से की गई है। पार्टी के सदन में कलह देखकर विधायक परेशान हैं और ज्यादा से ज्यादा रिजर्व रह रहे हैं। हालांकि इस पर बोलने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। कुछ विधायक चुपचाप कह रहे हैं कि विधायकों को निलंबित करने में जल्दबाजी दिखाई गई। नेतृत्व को इससे बचना चाहिए था। एफआईआर दर्ज कराने वाले साथी विधायक ने भी गलत संदेश दिया है। कैबिनेट फेरबदल का सबसे ज्यादा असर कांग्रेस पर पड़ने की संभावना है। कहा जा रहा है कि चार में से तीन मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। इसमें मुख्यमंत्री के चहेते विधायकों हेमंत सोरेन को प्राथमिकता मिलेगी। झामुमो कोटे के एक विधायक को भी कैबिनेट में मंत्री पद दिए जाने की संभावना है। विधानसभा के मानसून सत्र के बाद कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है।

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क्या कहते है वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव

राज्य सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के फेरबदल से जुड़े सवाल पर कहा कि वह 17 साल से कांग्रेस में हैं। उनमें न तो खोने का डर है और न ही पाने की लालसा। वह पार्टी के हालिया घटनाक्रम से दुखी हैं। ऐसी चीजों को एक साथ बैठकर हल करने की जरूरत है। अब जबकि मामला दर्ज हो गया है तो जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी होगा। उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भी विपक्ष ने प्रयास किया था, तब उन्होंने विपक्ष को चेतावनी दी थी। एक साल तक मामला चुप रहा।