Corona Impact – कोरोना से गर्भ में बच्चे को हो जाती है खून और ऑक्सीजन की कमी
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दुनिया भर में कोरोना संक्रमण से अब तक 59 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह वायरस गर्भ में ही बच्चों की जान ले सकता है। ये दुर्घटना उन प्रेग्नेंट महिलाओं के साथ हो सकती है, जिन्होंने वैक्सीन न लगवाई हो। हाल ही में आर्काइव ऑफ पैथोलॉजी एंड लैबोरेटरी मेडिसिन में प्रकाशित हुई एक रिसर्च में इसकी वजह बताई गई है।
64 स्टिल बर्थ्स पर हुई स्टडी
USA Today के अनुसार, 44 मेम्बर की ग्लोबल टीम ने 12 देशों से 64 स्टिल बर्थ्स यानी गर्भ में मृत्यु के मामलों को स्टडी किया। इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने 4 नवजात मौतों को भी स्टडी किया। ये सभी मामले अनवैक्सीनेटेड प्रेग्नेंट महिलाओं में कोरोना संक्रमण से जुड़े थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि सभी मामले डेल्टा वैरिएंट के थे।
कोरोना गर्भनाल को करता है नष्ट
रिसर्च में पाया गया कि कोरोना वायरस प्लेसेंटा (गर्भनाल) को डैमेज करता है। इस कारण बच्चे को गर्भ में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे उसकी मौत भी हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस खून के जरिए प्लेसेंटा तक पहुंचता है और उसे फेल कर देता है। इस प्रक्रिया का नाम विरेमिया है।
रिसर्च में कुल 68 मामलों में औसतन 77% प्लेसेंटा नष्ट हो गई थी और बच्चे को इससे कोई सपोर्ट नहीं मिला था। यह वायरस प्लेसेंटा के टिशूज को मार देता है, जिससे महिला के शरीर को वो नुकसान होता है जो कभी ठीक नहीं हो सकता।
खून के थक्कों से गर्भनाल होती है ब्लॉक
लगभग सभी मामलों में प्रेग्नेंट महिला में फाइब्रिन नाम के प्रोटीन की मात्रा बढ़ी मिली। ये प्रोटीन खून के थक्के जमाता है। इसकी वजह से ही गर्भ में बच्चे तक खून और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही थी। इसके अलावा, महिलाओं में प्लेसेंटा के सेल्स डैमेज होने के कारण गैर जरूरी सेल्स की मात्रा इतनी बढ़ गई थी कि ये बच्चे और मां के बीच एक बैरियर बन गए थे।
प्लेसेंटा से जुड़ा एक और कॉम्प्लिकेशन
रिसर्च में 97% मामलों में प्लेसेंटा से जुड़ा एक और कॉम्प्लिकेशन देखा गया। गर्भनाल में क्रोनिक हिस्टियोसाइटिक इंटरविलोसाइटिस नाम के दुर्लभ इन्फ्लेमेटरी सेल्स जमा हो रहे थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये भी कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से ही हो रहा था।
वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे कई वायरस और बैक्टीरिया इन्फेक्शन्स हैं जिनसे प्रेग्नेंसी के दौरान प्लेसेंटा डैमेज होती है, लेकिन कोरोना वायरस से इसके पूरी तरह नष्ट होने की संभावना है।
कोरोना वैक्सीन मां के साथ बच्चे को भी बचाती है
इससे पहले हुए शोधों के अनुसार, कोरोना वैक्सीन से शरीर में जो एंटीबॉडीज बनती हैं, वो मां के गर्भ में पल रहे बच्चे को भी बचाती हैं। ये एंटीबॉडीज मां के जरिए बच्चे के अंदर चली जाती हैं और उसके जन्म के बाद भी कोरोना संक्रमण से लड़ सकती हैं।
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