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Thursday, April 25, 2024
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंड

BREAKING: मांडर विधायक बंधु तिर्की की गयी विधायकी, स्पीकर की मंजूरी

MLA Bandhu Tirkey

रांची : विधायक बंधु तिर्की की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गई है। स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने शुक्रवार को उनकी सदस्यता समाप्त करने को मंजूरी दे दी है। विधानसभा के प्रभारी सचिव जावेद हैदर ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया है।

बंधु तिर्की की विधानसभा की सदस्यता 28 मार्च से समाप्त कर दी गई है। अब तिर्की की विधायिका को समाप्त करने से संबंधित जानकारी चुनाव आयोग को भेज दी गई है। जल्द ही चुनाव आयोग मांडर में उपचुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करेगा।

इससे पहले गुरुवार को स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने बंधु तिर्की की अयोग्यता के लिए अधिसूचना जारी करने पर अपनी सहमति दे दी थी। सीबीआई ने अदालत के फैसले की एक प्रति अध्यक्ष कार्यालय को भेजी थी। मामला गुरुवार को अध्यक्ष के समक्ष रखा गया, जहां उन्होंने अपने कार्यालय को अदालत के फैसले और जनप्रतिनिधित्व कानून के आलोक में प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।

आपको बता दें कि 28 मार्च को विशेष न्यायिक आयुक्त और सीबीआई प्रभात कुमार शर्मा की अदालत ने बंधु तिर्की को तीन साल जेल और तीन लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। अदालत ने उन्हें आईपीसी की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाया है। अदालत ने कहा कि तिर्की ने संपत्ति हासिल करने के लिए मधु कोड़ा के नेतृत्व वाली सरकार में विधायक और मंत्री के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया।

कानून के अनुसार, यदि किसी जनप्रतिनिधि को कम से कम दो साल के कारावास की सजा दी जाती है, तो उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाती है। सदस्यता समाप्त होते ही बंधु को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। रिहा होने के 6 साल बाद तक वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

सीबीआई ने उनके खिलाफ 7.22 लाख रुपये की आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला आरसी5(ए)/2010 दर्ज किया था। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 21 गवाह पेश किए, जबकि बंधु तिर्की ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए आठ गवाह पेश किए।

मालूम हो कि 2008 में याचिकाकर्ता दुर्गा उरांव ने झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनके कैबिनेट मंत्रियों की संपत्ति की जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीबीआई ने विजिलेंस ब्यूरो से जांच अपने हाथ में ले ली। 2010 में कोड़ा और उनके मंत्रियों के खिलाफ मामले दर्ज किए थे।

MLA Bandhu Tirkey