लातेहार: पंचायत चुनाव बहिष्कार की घोषणा को मतदाताओं ने दिखाया ठेंगा, जमकर किया मतदान
राजीव मिश्रा/लातेहार
मतदाताओं ने जताया लोकतंत्र पर आस्था
लातेहार : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव शुरू होने के बाद कुछ समूहों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। लेकिन मतदाताओं ने लोकतंत्र में आस्था जताते हुए पंचायत चुनाव के बहिष्कार की घोषणा करने वाले लोगों को नकार दिया और जमकर मतदान किया।
सबसे बड़ी बात यह है कि एक समुदाय के लोगों ने भी पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया था और कहा था कि वे खुद को पंचायत चुनाव से दूर रखेंगे। लेकिन जिस इलाके में उस समुदाय का दबदबा है, वहां मतदाताओं ने जमकर वोट डाला। कुल मिलाकर लातेहार जिले के मतदाताओं ने यह साबित कर दिया है कि लोकतंत्र में मतदान के बहिष्कार के लिए कोई जगह नहीं बची है।
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इन इलाकों में पड़े जमकर वोट
लातेहार जिले के कुछ इलाकों में मतदान का बहिष्कार प्रभावी होने की उम्मीद थी। लेकिन इन गांवों में रहने वाले लोगों ने पंचायत चुनाव के बहिष्कार की घोषणा का समर्थन नहीं किया और मतदान केंद्र पर जाकर वोट डाला। इनमें बालूमाथ प्रखंड के भगेया, सीरम आदि मतदान केंद्रों पर तो 80% से भी अधिक मतदान रिकॉर्ड किए गए। इसके अलावा चंदा बघार, बिशुनपुर, बलबल समेत अन्य मतदान केंद्रों पर भी मतदाताओं ने जमकर मतदान किया।
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इसी तरह लातेहार सदर प्रखंड के कैमा, सोहदाग, तुबेद, विश्रामपुर समेत मतदान केंद्रों पर भी मतदाताओं ने पूरे उत्साह के साथ मतदान किया।
चंदवा प्रखंड के निंद्रा, लोहरसी, ढोटी आदि मतदान केंद्र पर मतदाताओं ने मतदान बहिष्कार का ही बहिष्कार कर दिया।
बरियातू प्रखंड के टुंडाहातु, बारीखाप समेत अन्य मतदान केंद्रों पर तो मतदाताओं ने बंपर मतदान किया।
बालूमाथ प्रखंड के भी मांरंगलोईया, मुरपा, बालू समेत अन्य पंचायतों में मतदान का प्रतिशत पिछले चुनाव के अपेक्षा अधिक ही रहा।
पंचायत चुनाव के विरोध में 5 दिनों तक रखा था लातेहार समाहरणालय बंद
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ज्ञात हो कि टाना भगत समुदाय के लोगों के अलावा कुछ अन्य लोग भी पंचायत चुनाव रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी मांग को लेकर लगातार पांच दिनों तक टाना भगत समुदाय के लोगों ने लातेहार कलेक्ट्रेट का घेराव करते हुए सभी सरकारी कार्य बाधित कर दिए थे। इससे लातेहार जिले के आम लोगों को 5 दिनों तक काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। पंचायत चुनाव रद्द करने की मांग पर कोई सकारात्मक पहल नहीं होने पर टाना भगत समुदाय के लोगों ने भी पंचायत चुनाव बहिष्कार के साथ रद्द करने की घोषणा कर दी थी।
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मतदान बहिष्कार की घोषणा का ही हो गया बहिष्कार, लोकतंत्र के लिए सुखद
मतदान लोकतंत्र को मजबूत करने का सबसे सशक्त माध्यम है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में समाज में मतदान का बहिष्कार करने का चलन हावी हो गया है। लेकिन इस बार वोट के बहिष्कार की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने वाली सोच का बहिष्कार कर मतदाताओं ने दिखा दिया है कि लोकतंत्र में बहिष्कार की कोई जगह नहीं है। यही कारण रहा कि पंचायत चुनाव के चारों चरण शांतिपूर्ण संपन्न हुए लेकिन किसी भी मतदान केंद्र पर बहिष्कार जैसी कोई सूचना नहीं मिली।