Breaking :
||अंकिता को जिंदा जलाने वाले दोषियों को आजीवन कारावास की सजा||लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड व बिहार की पुलिस नक्सलियों के खिलाफ चलायेगी संयुक्त ऑपरेशन||पलामू में दहेज हत्या के आरोपी पति को 10 साल सश्रम कारावास की सजा||झारखंड में भाजपा को झटका, पांच बार के सांसद रहे रामटहल चौधरी कांग्रेस में शामिल||पलामू में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई, छह लाख की अफीम, डोडा व पोस्ता के साथ एक गिरफ्तार||पलामू व गढ़वा का मोस्ट वांटेड छोटू रंगसांज हत्याकांड का खुलासा, एक गिरफ्तार||लातेहार: ट्रक ने बाइक सवार तीन लोगों को रौंदा, पुत्र की मौत, पिता समेत दो घायल||पलामू में तीन हत्या के मामले में महिला समेत चार गिरफ्तार||झारखंड में मौसम की आंख मिचौली जारी, 30 और 31 मार्च को बारिश और वज्रपात को लेकर अलर्ट जारी||झारखंड: प्रोजेक्ट इम्पैक्ट की मूल्यांकन शीट भरने में लापरवाही बरतने वाले प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों पर होगी कार्रवाई, रुकेगा वेतन
Friday, March 29, 2024
पलामू प्रमंडललातेहार

लातेहार: सरस्वती विद्या मंदिर में मनाया गया विजय दिवस, सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट ने सुनायी वीरता की गाथा

रुपेश कुमार अग्रवाल/लातेहार

लातेहार : जिले के जिला मुख्यालय स्थित सरस्वती विद्या मंदिर धर्मपुर पथ लातेहार के वंदना सभागार में भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस के प्रतीक विजय दिवस मनाया गया।

लातेहार की ताज़ा ख़बरों के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें

इस मौके पर मुख्य अतिथि चंद्रशेखर कुशवाहा झा असिस्टेंट कमांडेंट सीआरपीएफ 11 बटालियन की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम की शुरुआत चंद्रशेखर झा एवं विद्यालय के प्राचार्य अरुण कुमार चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर एवं भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। प्रधानाध्यापिका द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत अंगवस्त्र एवं पुष्प गुच्छ देकर किया गया।

कमांडेंट श्री झा ने बताया कि कैसे 16 दिसंबर 1971 को 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने पूर्वी कमांडर के कमांडेंट जगदीश सिंह अरोड़ा के समकक्ष आत्मसमर्पण किया, जो विश्व सैन्य इतिहास में आत्मसमर्पण का सबसे बड़ा उदाहरण है।

झारखण्ड की ताज़ा ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें

उन्होंने आगे कहा कि भैया-बहन सैनिक बनने के अलावा डॉक्टर, शिक्षक, इंजीनियर आदि बनकर भी देश की सेवा कर सकते हैं। विजय दिवस पर राष्ट्रीय नायकों को याद किया जाता है। उन्होंने भैया-बहनों में नैतिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा। इसमें उन्होंने ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाकर भैया-बहनों में हिम्मत बढ़ाने का काम किया।

प्राचार्य अरुण कुमार चौधरी ने बताया कि देश में आपदा के समय जवानों की भूमिका अग्रणी होती है।

भैया-बहनों ने सहायक कमांडेंट से पूछे प्रश्न

दसवीं कक्षा की बहन प्रज्ञा का सवाल था कि सेना में कैसे जाएं? जवाब में बताया गया कि सकारात्मक सोच और अच्छी तैयारी से आत्मविश्वास बढ़ाया जा सकता है।

दसवीं कक्षा के भाई शिवम का सवाल था कि एनडीए और सीडीएस की तैयारी कैसे करें और इंटरव्यू कैसे होता है? जवाब मिला कि तैयारी दसवीं से बारहवीं तक के सिलेबस के आधार पर करनी है, इंटरव्यू में एक ग्रुप लीडर के गुण होने चाहिए।

श्री झा ने बताया कि मैंने 3 दिसंबर 2000 को मणिपुर, जम्मू-कश्मीर ज्वाइन किया और अब लातेहार में सहायक कमांडेंट के पद पर नियुक्त हूं, आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ के जिम्मे है. कुपवाड़ा और बारामूला में आतंकियों से सीधी मुठभेड़ हुई और संयुक्त प्रयास में दुश्मनों को मार गिराया गया।

प्रधानाचार्य ने बांग्लादेश के जन्म और पाकिस्तान के अत्याचारों के कारणों को भैया-बहनों को समझाया।

इस विजय दिवस के अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य अरुण कुमार चौधरी, लाल लाल बहादुर राम, शशिकांत पांडे, ओंकार नाथ सहाय, विजय कुमार पाठक, रेनू गुप्ता, सुरेश ठाकुर, राधेश्याम मिश्रा, रितेश रंजन गुप्ता, विकास कुमार, आलोक कुमार पांडे, धर्म प्रकाश प्रसाद, गोपाल प्रसाद, अभिनय कुंभकार, रविंद्र पांडे, दीपक कुमार, गीता कुमारी, पूनम कुमारी, अनुजा कुमारी, रजनी नाग, उपासना कुमारी समेत सभी आचार्य व दीदी उपस्थित रहे।