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Friday, May 3, 2024
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंड

रांची हिंसा पर राज्यपाल ने जताई नाराजगी, कहा होर्डिंग्स में लगवायें उपद्रियों की तस्वीरें

रांची : झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने हाल ही में रांची के मेन रोड में भीषण विरोध प्रदर्शन के दौरान पथराव और तोड़फोड़ की हिंसक घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एक भी उपद्रवी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाना चाहिए। इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार है उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

राज्यपाल ने सोमवार को पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा, एडीजी संचालन संजय आनंद लाटकर, रांची के उपायुक्त छवि रंजन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र झा को राजभवन तलब कर न केवल उक्त घटना को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जानकारी ली, बल्कि घटना का संज्ञान लेने के लिए भी। इसके बाद अब तक की गई कार्रवाई की भी जानकारी ली।

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राज्यपाल ने अधिकारियों से सभी प्रदर्शनकारियों और गिरफ्तार किए गए लोगों का पूरा विवरण लेने और उनके नाम और पते सार्वजनिक करने को कहा। शहर के प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग्स पर उनकी तस्वीरें लगाएं ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और पुलिस की मदद कर सके।

राज्यपाल ने यह भी कहा कि जो लोग इन घटनाओं के बारे में या इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैला रहे हैं, उनकी भी पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करें। ऐसे सभी लोगों की पहचान कर उन्हें सजा देने की जरूरत है।

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डीजीपी ने स्वीकार किया कि खुफिया विभाग ने 150 लोगों द्वारा अराजकता फैलाने की आशंका का इनपुट दिया था। राज्यपाल ने पदाधिकारियों से उक्त घटना के बाद रांची में विधि व्यवस्था को लेकर की जा रही कार्रवाई की भी जानकारी ली। उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों से कहा कि विधि व्यवस्था कायम करने में किसी प्रकार की कोताही न हो। किसी को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत हरगिज नहीं दी जा सकती।

आपको बता दें कि इससे पहले भी राज्यपाल ने पुलिस महानिदेशक और एडीजी ऑपरेशन को बुलाकर घटना में शामिल लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था. इसके साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी बुलाकर घटना की जानकारी ली। इधर, राजभवन केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजने की तैयारी कर रहा है। आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना की पूरी रिपोर्ट राजभवन को देने को कहा है।

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राज्यपाल ने पदाधिकारियों से स्पष्ट रूप से पूछा कि प्रस्तावित जुलूस के संबंध में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या व्यवस्था की गई थी। पदाधिकारियों के जवाब से राज्यपाल संतुष्ट नहीं हुए।

राज्यपाल ने अधिकारियों से पूछा कि प्रस्तावित घटना, धरना, प्रदर्शन, जुलूस के बारे में प्रशासन के पास क्या जानकारी उपलब्ध थी और इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा क्या प्रबंध किये गये थे। पुलिस महानिदेशक से पूछा कि आईबी, सीआईडी ​​और स्पेशल ब्रांच ने क्या इनपुट दिए? जुलूस के दौरान किसी भी तरह की घटना को रोकने के लिए वहां कितने सुरक्षाकर्मी और मजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे। इस पर नाराजगी जताते हुए यह सवाल भी उठाया गया कि घटना को रोकने के लिए एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए।

राज्यपाल ने पूछे अधिकारियों से सवाल

जुलूस के दौरान वाटर कैनन, रबर बुलेट और आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया? वहां इसकी व्यवस्था क्यों नहीं की गई?
पुलिस अधिकारी और कर्मी हेलमेट और सेफ्टी गियर क्यों नहीं पहने हुए थे?

डीजीपी ने राज्यपाल को बताया कि मामले में अब तक 29 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हालांकि एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। राज्यपाल ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह चिंताजनक है कि इतनी बड़ी घटना में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। डीजीपी ने कहा कि जो भी वीडियो फुटेज या तस्वीरें मिली हैं, उनका मिलान किया जा रहा है। दर्ज प्राथमिकी के आधार पर नामजद लोगों की तलाश की जा रही है।