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Thursday, May 2, 2024
झारखंडरांची

कुर्सी पर अब और सस्पेंस नहीं चाहते हेमंत सोरेन, राज्यपाल को लिखा पत्र, कहा- अनैतिक तरीके से सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही BJP

रांची : सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर राज्यपाल रमेश बैस को पत्र लिखा है। इस पत्र में सीएम ने बीजेपी की भूमिका पर सवाल उठाकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा भेजी गई मंशा की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

राज्यपाल रमेश बैस को लिखे पत्र में सीएम हेमत सोरेन ने कहा कि राज्य में तीन सप्ताह से अधिक समय से चल रहे हालात को देखते हुए उन्हें पत्र लिखने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कहा कि भाजपा फरवरी 2022 से एक भूमिका निभा रही है कि खनन पट्टे को माध्यम बनाकर मेरी विधानसभा सदस्यता को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। इस संबंध में भाजपा की ओर से राज्यपाल के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई थी।

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मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने पत्र में सर्वोच्च न्यायालय के दो निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि खनन पट्टा लेने से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए के प्रावधान के तहत अयोग्यता पैदा नहीं होती है। चुनाव आयोग द्वारा एक सुनवाई भी आयोजित की गई थी। इस मामले में एक आशय के गठन के लिए संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत राज्यपाल के संदर्भ के अनुसार भारत का। संविधान के इस प्रावधान के अनुसार चुनाव आयोग को अपनी बात रखनी है और सुनवाई के संबंध में उचित कार्रवाई करनी है।

सीएम ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके बयानों से ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी को अपनी मंजिल सौंप दी है। बीजेपी नेताओं के बयान के मद्देनजर यूपीए के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। इस पर राज्यपाल ने चुनाव आयोग से गंतव्य की प्राप्ति की जानकारी देते हुए एक-दो दिन के लिए स्थिति स्पष्ट करने को कहा था, लेकिन अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस भ्रम को दलबदल के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही है। कहा कि भाजपा का यह प्रयास कभी सफल नहीं होगा, क्योंकि राज्य बनने के बाद पहली बार हमारी सरकार को करीब दो तिहाई सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। वहीं, 5 सितंबर 2022 को यूपीए सरकार ने भी विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है।

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सीएम हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से आयोग की मंशा की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि सुनवाई का मौका दिया जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जल्द ही अनिश्चितता का माहौल दूर किया जा सकता है और झारखंड राज्य प्रगति, प्रगति और विकास के पथ पर आगे बढ़ सकता है।