Breaking :
||झारखंड की तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार थमा, 20 मई को वोटिंग||पिता के हत्यारे बेटे की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त बंदूक बरामद समेत पलामू की तीन ख़बरें||चतरा लोकसभा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित इलाके में नौ बूथों का स्थान बदला, जानिये||झारखंड हाई कोर्ट में 20 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश||पलामू: हार्डकोर इनामी माओवादी नीतेश के दस्ते का सक्रिय सदस्य गिरफ्तार||लातेहार: 65 हेली ड्रॉपिंग बूथ के लिए शुभकामनायें लेकर मतदान कर्मी रवाना||KIDZEE लातेहार के बच्चों ने मतदाताओं से की अपील- पहले मतदान, फिर कोई काम||पलामू में शौच के लिए निकली नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, चार आरोपी गिरफ्तार||लातेहार अनुमंडल क्षेत्र में चुनाव के मद्देनजर चार जून तक धारा 144 लागू||विधायक लोबिन हेम्ब्रम झामुमो से निष्कासित, कार्यकताओं को दिग्भ्रमित करने का आरोप
Saturday, May 18, 2024
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंडरांची

झारखंड में सर्पदंश के बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी, जानें सांप काटने पर किन बातों का रखें विशेष ध्यान

Jharkhand snakebite advisory News

रांची : राज्य में सर्पदंश के बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने एडवाइजरी जारी की है। बताया गया है कि राज्य के विभिन्न जिलों में एंटी स्नेक वेनम की 9532 डोज उपलब्ध है। स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स निदेशक समेत सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य और सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्राचार करते हुए सर्पदंश से होने वाली आकस्मिक घटनाओं के बचाव, रोकथाम और उपचार से संबंधित मार्गदर्शिका का अनुपालन करने का निर्देश दिया है।

विभाग की एडवाइजरी में कहा गया है कि सर्पदंश से लोगों की मौत का मुख्य कारण इलाज में देरी और समुदाय में जागरुकता की कमी है। राज्य में पाए जाने वाले सांप की 250 से अधिक प्रजाति में केवल 25 प्रतिशत ही जहरीली है। रसेल वाइपर सबसे ज्यादा खेतों में मिलता है, जिसके काटने पर खून पतला हो जाता है और ब्लीडिंग शुरू हो जाती है जबकि करैत काले रंग का होता है और सफेद रंग की रिंग जैसी बैंड बने होते हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने बारिश के मौसम में सर्पदंश के मामले के बढ़ने की आशंका को देखते हुए अपने-अपने संस्थानों में एंटी स्नेक वेनम की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि सर्पदंश से सावधानी और इलाज के प्रति लोगों को जागरूक कराने पर ध्यान दें, ताकि उन्हें नजदीकी अस्पताल में ससमय इलाज मिल सके और उनकी जान बचायी जा सके।

यह भी निर्देश

सीएचसी व पीएचसी में चिकित्सा पदाधिकारी व स्वास्थ्यकर्मियों का नेशनल स्नेक बाइट मैनेजमेंट प्रोटोकॉल संबंधित प्रशिक्षण कराना सुनिश्चित किया जाये।

सभी सर्पदंश से पीड़त व्यक्तियों की रिपोर्ट आईडीएसपी आईएचआईपी पोर्टल पर अनिवार्य रूप से कराना सुनिश्चित करें।

सर्पदंश होने पर प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

जिस स्थान पर सांप ने काटा है, वहां किसी चीज जैसे रस्सी या रूमाल से हल्का बांधें, जोर से न बांधे।

किसी भी स्थिति में जहां स्नेक वाइट है, वहां नहीं काटें, काटने से जहर फैलता है।

सांप के बाइट की जगह काटना, चूसना, दबाना बिल्कुल न करें।

जहां सांप ने काटा है, वहां तेज धारा से पानी मारें, ताकि विष निकल जाये। पीड़ित को तसल्ली देकर शांत रखने का प्रयास करें, जिससे बीपी नियंत्रित रहे। जितना बीपी बढ़ेगा, शरीर में जहर उतनी ही तेजी से फैलेगा।

कोशिश करनी चाहिए कि सर्पदंश से पीड़ित को एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन जल्द से जल्द लग जाये। मरीज को डरने नहीं दें। उसे आश्वस्त करें कि दवा देने से वह ठीक हो जायेगा।

Jharkhand snakebite advisory News