Breaking :
||रांची में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, महिला सरगना समेत सात गिरफ्तार||लातेहार: फंदे से लटका मिला विवाहिता का शव, मायके वालों ने ससुराल वालों पर लगाया दहेज के लिए हत्या का आरोप||केंद्रीय गृह मंत्री के फर्जी वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस सख्त, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को भेजा नोटिस||नामांकन के बाद जयराम महतो गिरफ्तार, समर्थक भड़के||लातेहार: बालूमाथ कस्तूरबा गांधी विद्यालय का इंटर साइंस व आर्ट्स का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत||लातेहार: तालाब से बोरा में बंद भारी मात्रा में मिला वोटर आईडी कार्ड, किसने और क्यों फेंका बना चर्चा का विषय||झारखंड: इंटर के तीनों संकाय के नतीजों में लड़कियों ने मारी बाजी||इंटर रिजल्ट में भी लातेहार के छात्रों ने राज्य में लहराया परचम, कॉमर्स में पहले और साइंस में दूसरे स्थान पर||पलामू के अमित ने इंटर साइंस में झारखंड में प्राप्त किया चौथा स्थान, बना जिला टॉपर||छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 3 महिला नक्सली समेत 10 नक्सली ढेर
Thursday, May 2, 2024
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंडरांची

BIG BREAKING: हेमंत सरकार का ऐलान, ओबीसी आरक्षण के बिना झारखंड में होंगे नगर निकाय चुनाव

रांची : झारखंड सरकार ने नगर निकाय चुनाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सोमवार को कैबिनेट में लिए गए अहम फैसले के मुताबिक झारखंड में नगर निगम के चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के होंगे। पिछड़ा वर्ग की आरक्षित सीटों को ओपेन सीट मानकर निकाय चुनाव कराये जायेंगे।

रांची की ताज़ा ख़बरों के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें

राज्य में नगर निगम के चुनाव पार्टी के आधार पर नहीं होंगे। सोमवार को परियोजना भवन में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। राज्य में नगर निकाय चुनाव अगले साल जनवरी-फरवरी में होने की संभावना है। हालांकि अभी चुनाव की तारीख तय नहीं हुई है।

राज्य मंत्रिपरिषद की आज हुई बैठक में कुल 19 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी है। इसमें बिना ओबीसी आरक्षण के नगर निगम चुनाव सबसे प्रमुख है। राहुल रमेश वाघ बनाम महाराष्ट्र राज्य एवं अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने नगर चुनाव, 2023 को मंजूरी दे दी है।

इसमें नगर निगम या पंचायत चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट कराने की बात कही गयी है। राज्य सरकार ने ट्रिपल टेस्ट कराने के बजाय ओबीसी की आरक्षित सीटों को ओपेन मानते हुए चुनाव कराने का फैसला किया। राज्य में इस साल पंचायत चुनाव भी बिना ओबीसी आरक्षण के हुए थे।

पार्टी के आधार पर नहीं होंगे निकाय चुनाव

राज्य में नगर निगम के चुनाव पार्टी के आधार पर नहीं होंगे। वार्ड सदस्यों, अध्यक्ष और महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष होगा। मतदाता उन्हें चुनेंगे। वहीं, उपाध्यक्ष और उप महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष होगा। इनके लिए चुने गये वार्ड सदस्य अपना वोट डालेंगे।

इधर, राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव की तैयारियों को तेज कर दिया है। सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदान केंद्रों के सत्यापन और मतदाता सूची के विखंडन के निर्देश दिए गये हैं। आयोग ने चुनाव से संबंधित प्रशिक्षण भी पूरा कर लिया है। राज्य में 14 नगर निकायों के स्थान पर अब सभी निकायों में एक साथ चुनाव होंगे।

झारखण्ड की ताज़ा ख़बरों के लिए यहाँ क्लिक करें

आपको बता दें कि 10 जिलों के 14 नगर निकायों के चुनाव वर्ष 2020 से लंबित हैं। इन निकायों का कार्यकाल दो साल पहले समाप्त हो गया था, लेकिन कोरोना के कारण समय पर चुनाव नहीं हो सके। वहीं, अन्य निकायों का कार्यकाल भी अगले साल अप्रैल में समाप्त हो रहा है। ऐसे में अब नगर निकाय चुनाव एक साथ होंगे।

मतदाताओं को मिलेगा NOTA का विकल्प

नगर निगम चुनावों में मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए नोटा का विकल्प भी मिलेगा। हाल ही में नियमों में किये गये संशोधन में इसका जिक्र किया गया है। इस साल हुए पंचायत चुनाव में मतदाताओं को नोटा का विकल्प नहीं मिला। साथ ही, निकाय चुनाव पार्टी के आधार पर नहीं होना है।