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Sunday, May 19, 2024
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लातेहार: वन अधिकार कानून लागू करने और वन पट्टा देने की मांग को लेकर निकाली गयी आक्रोशपूर्ण रैली

लातेहार : संयुक्त ग्राम सभा मंच एवं झारखंड वन अधिकार मंच के तत्वावधान में गुरुवार को वन अधिकार कानून लागू करने और वन पट्टा की मांग को लेकर जिला मुख्यालय में एक दिवसीय आक्रोशपूर्ण रैली निकाली गयी। आक्रोश रैली शहर के बाजारटांड़ से शुरू होकर मुख्य मार्ग होते हुए समाहरणालय तक गयी।

रैली समाहरणालय पहुंचकर सभा में तब्दील हो गयी। रैली में महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को पीठ पर बांध कर चल रही थीं। इस दौरान वन पट्टा हमारा अधिकार है, वन पट्टा देने में देरी क्यों, डीसी जवाब दो, जल, जंगल हमारा है जैसे नारे लगाये गये।

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सभा को संबोधित करते हुए बरवाडीह जिला परिषद सदस्य कन्हाई सिंह ने कहा कि राज्य सरकार अबुआ वीर दिशुम अधिकार अधिनियम 2023 लाकर ग्राम सभा की शक्तियों को कमजोर कर रही है, जिसका विरोध करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत ही वन पट्टा दिया जाये। अगर जिला प्रशासन दिसंबर माह तक जिले में वन पट्टा नहीं देता है, तो 18 जनवरी 2024 से जिला मुख्यालय पर घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन शुरू किया जायेगा।

राजेश्वर सिंह ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत हजारों व्यक्तिगत वन अधिकार दावे अनुमंडल एवं जिला स्तर पर लंबित हैं, जिनका निपटारा करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि हजारों व्यक्तिगत वन अधिकार दावों को अवैध तरीके से रद्द कर दिया गया है। जिसकी फिर से कानून के मुताबिक समीक्षा करने की जरूरत है।

सरयू प्रखंड के जिला परिषद सदस्य बुद्धेश्वर उरांव ने कहा कि सीएफआरआर के तहत जिले में वन संसाधनों पर एक भी दावा पत्र जारी नहीं किया गया है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि कानून की गलत व्याख्या कर जिले के परंपरागत वनवासियों के वनाधिकार दावों को रद्द किया जा रहा है। वन अधिकार प्राप्त करने की प्रक्रिया में वन विभाग के अधिकारी अवैध रूप से हस्तक्षेप करते हैं।

बैठक के बाद उपायुक्त को संबोधित 11 सूत्री मांग पत्र अनुमंडल पदाधिकारी को सौंपा गया। मौके पर सेलेस्टिन कुजूर, धोती फादर, मधेश्वर सिंह, महेंद्र उराँव, सत्यनारायण भगत, नंद किशोर गंझू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला-पुरुष उपस्थित थे।

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