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Friday, May 17, 2024
मनिकालातेहार

भूख और कुपोषण का पर्याय है झारखंड : जेम्स हेरेंज

कौशल किशोर पांडेय/मनिका

लातेहार : मनिका प्रखंड मुख्यालय में ग्राम स्वराज मजदूर संघ के नेतृत्व में देश में भूख की गंभीर स्थिति एवं विश्व खाद्य दिवस के मौके पर हाथों में तख्तियां लेकर जागरूकता के लिए उच्च विद्यालय मैदान से प्रखंड कार्यालय तक रैली निकाली गयी। प्रखण्ड परिसर में रैली आम सभा में तब्दील हो गयी।

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आम सभा को संबोधित करते हुए झारखंड नरेगा वाच के राज्य संयोजक जेम्स हेरेंज ने कहा कि झारखंड भूख और कुपोषण का पर्याय है। अभी पिछले दिनों जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार भारत में भुखमरी बेहद शर्मनाक स्थिति पर पहुँच गयी है। वर्ष 2021 में भारत इस सूचकांक के 101 वें स्थान से गिरकर साल 2022 में 107 पर पहुँच गया है। जबकि भारत से बेहत्तर स्थिति में पडोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश का है। देश को इस शर्मनाक स्थिति तक पहुँचाने के लिए सीधे-सीधे नरेन्द्र मोदी की नेतृत्ववाली वाली भाजपा सरकार और और उसकी गरीब विरोधी नीतियाँ जिम्मेवार हैं।

ग्राम स्वराज मजदूर संघ के पचाठी सिंह ने कहा कि अकेले झारखण्ड राज्य में 2017 से 2021 के बीच 25 से अधिक लोगों की भूख से मौत हुई। एनएफएचएस-5 रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में छह महीने से लेकर 59 महीने तक की आयु वर्ग के 67 प्रतिशत बच्चे एनीमिया के शिकार हैं। राज्य की 65.3 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी की चपेट में हैं। देश में आज भी 19 करोड़ से अधिक लोग भूखे पेट रात बिताने को विवश हैं। ये स्थितियाँ देश के विकास के रास्ते में बड़ी बाधक हैं।

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जान्हों गाँव की जानवा देवी ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि कहा कि पहले उनके परिवार का पीएच कार्ड था। लेकिन कुछ साल खाद्यान्न मिलने के बाद उनका राशन कार्ड अधिकारियों ने वगैर कोई सूचना के ही रद्द कर दिया। बहुत मिन्नत के बाद हरा राशन कार्ड बनाया गया लेकिन उसमें भी डीलर द्वारा राशन नहीं दी जा रही है। पारिवारिक परिस्थिति इतनी ख़राब हो गयी कि हम दोनों बूढा-बूढी को छोड़कर बेटा पतोहू रोजगार की तलाश में बाहर पलायन कर गये। इसमें प्रखण्ड व जिले के अधिकारियों की गजब की चुप्पी संदेह पैदा करता है।

मौके पर पूर्व मुखिया श्यामा सिंह, पानपती देवी, दीपू सिंह, मकलदेव सिंह आदि लोगों ने भी सभा को संबोधित किया।

कार्यक्रम के अंत में एक 10 सूत्री माँग पत्र देश के प्रधानमन्त्री के नाम बीडीओ कार्यालय में उपस्थित कर्मी को सौंपा गया। ज्ञापन में जन वितरण प्रणाली में मोटे अनाज, दाल और खाद्य तेल शामिल किया जाए। जब तक जन वितरण प्रणाली का सार्वभौमिकरण नहीं की जाती है राशनकार्ड से वंचित सभी योग्य परिवारों को राशन कार्ड से जोड़ा जाए। जन वितरण प्रणाली, आंगनबाड़ी और स्कूलों में दिया जाने वाले दोपहर के भोजन योजना में दिए जा रहे चावल का फोर्टीफिकेशन पूरी तरह बन्द किया जाए।

इसके अलावे झारखंड के सभी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में दोपहर का भोजन में प्रत्येक दिन सभी बच्चों को एक-एक अंडा देने की गारन्टी की जाए। सभी महिलाओं को प्रत्येक गर्भधारण के समय प्रधानमन्त्री मातृत्व वंदना योजना के तहत् 6000 रूपये देने की क़ानूनी गारन्टी की जाए। सभी गर्भधारण करने वाली नरेगा मजदूर महिलाओं को 3 महीने का वेतन सहित अवकाश दिया जाए। सम्पूर्ण आदिवासी इलाकों में किसी भी समुदाय को जल, जंगल जमीन से विस्थापित करना बन्द किया जाए। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 में अधिकारों से वंचित किये जाने पर ससमय शिकायत निवारण एवं हर्जाना देना सुनिश्चित की जाए। मनरेगा में प्रत्येक वर्ष न्यूनतम 200 दिन काम और दैनिक मजदूरी 600 रूपये की गारन्टी की जाए।

सभा का संचालन प्रेमा तिग्गा ने किया। मौके पर जुगेश्वर सिंह, अमरदयाल सिंह, सिलास गुड़िया, विमल सिंह, ननकू सिंह समेत अनेक लोग उपस्थित थे।