Breaking :
||भाजपा की मोटरसाइकिल रैली पर पथराव, कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट, कई घायल||झारखंड की तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार थमा, 20 मई को वोटिंग||पिता के हत्यारे बेटे की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त बंदूक बरामद समेत पलामू की तीन ख़बरें||चतरा लोकसभा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित इलाके में नौ बूथों का स्थान बदला, जानिये||झारखंड हाई कोर्ट में 20 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश||पलामू: हार्डकोर इनामी माओवादी नीतेश के दस्ते का सक्रिय सदस्य गिरफ्तार||लातेहार: 65 हेली ड्रॉपिंग बूथ के लिए शुभकामनायें लेकर मतदान कर्मी रवाना||KIDZEE लातेहार के बच्चों ने मतदाताओं से की अपील- पहले मतदान, फिर कोई काम||पलामू में शौच के लिए निकली नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, चार आरोपी गिरफ्तार||लातेहार अनुमंडल क्षेत्र में चुनाव के मद्देनजर चार जून तक धारा 144 लागू
Sunday, May 19, 2024
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंडरांची

पारा शिक्षकों को 50 फीसदी आरक्षण के प्रावधान को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती, कोर्ट ने राज्य से मांगा जवाब

रांची : सहायक प्रोफेसर नियुक्ति नियमावली में पारा शिक्षकों को 50 फीसदी आरक्षण के प्रावधान को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है। बीआरपी और सीआरपी बहादुर महतो व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आज इस याचिका पर चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच में सुनवाई हुई। अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी।

याचिका में जेएसएससी को भी प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमित कुमार तिवारी उपस्थित हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि सहायक प्राध्यापक नियुक्ति नियमावली 2022 में शिक्षा विभाग में संविदा पर कार्यरत कर्मियों को 50 फीसदी आरक्षण की सुविधा दी गयी है। बाद में संविदा कर्मियों के लिए आरक्षण समाप्त कर दिया गया और नियमों में संशोधन किया गया। राज्य सरकार ने संशोधित सहायक प्रोफेसर भर्ती नियमावली 2023 बनायी है, जिसके तहत अब केवल पारा शिक्षकों को सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में 50 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है।