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Saturday, May 4, 2024
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स्थानीय और नियोजन नीति बिल सदन में हुबहू पेश किये जाने पर बाबूलाल मरांडी ने कहा- मंशा साफ नहीं, राजनीति कर रही हेमंत सरकार

रांची : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने स्थानीय और नियोजन नीति बिल को सदन में हुबहू पुनः पेश किये जाने के सवाल पर कहा कि हेमंत सरकार केवल राजनीति कर रही है। इसकी मंशा साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य की जन भावनाओं का पूरा सम्मान करती है। इसका बड़ा उदाहरण अलग झारखंड राज्य का निर्माण है।

उन्होंने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि वर्ष 2004 से 2014 10 वर्षों तक केंद्र में यूपीए शासन रहा। राज्य में भी अधिकांश समय राष्ट्रपति शासन रहा। साथ ही हेमंत सोरेन उप मुख्यमंत्री रहे। स्थानीय नीति के मुद्दे पर ही अर्जुन मुंडा की सरकार गिराकर मुख्यमंत्री भी बने लेकिन कभी भी नियोजन नीति को लेकर कोई पहल नहीं की।

उन्होंने कहा कि नियोजन और स्थानीयता तय करना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। उनकी सरकार ने तो कैबिनेट में निर्णय लेकर नियुक्तियां की थी। अर्जुन मुंडा की सरकार ने भी नियुक्तियां की और फिर रघुवर दास की सरकार ने 2016 में नीति बनाकर नियुक्तियां की। उन्होंने कहा कि राज्य गठन से लेकर 2019 तक भाजपा के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने ही नियुक्ति की। हेमंत सरकार तो नियमावली के नाम पर केवल युवाओं को धोखा दिया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का व्यवहार अलोकतांत्रिक और राजनीति से प्रेरित है। स्थानीय और नियोजन नीति पर राज्य सरकार की ओर से सदन में पेश किये गये बिल के संबंध में मुझे दो शब्द भी बोलने नही देना सदन के एक वरिष्ठ सदस्य के प्रति अपमान है। मरांडी बुधवार को संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि मैं केंद्र में मंत्री और सांसद भी रहा हूं। लोकसभा और राज्यसभा में यदि कोई वरिष्ठ सदस्य बोलने के लिए हाथ उठाते हैं तो उन्हें बोलने का अवसर जरूर दिया जाता है लेकिन राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दा स्थानीय, नियोजन नीति से संबंधित बिल पर तीन बार हाथ उठाने के बाद भी अध्यक्ष ने बोलने का अवसर नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि यदि सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष दोनों को बोलने के बाद किसी सदस्य को यदि विधानसभा अध्यक्ष ने बोलने का अवसर नहीं दिया होता तो मैं समझ सकता था लेकिन केवल मेरे साथ अपमानजनक व्यवहार करना यह अध्यक्ष की निष्पक्षता नहीं। साथ ही कहा कि मैं इसलिए भी दुखी और पीड़ित महसूस कर रहा हूं कि भले विधानसभा अध्यक्ष मुझे भाजपा का नही मानते लेकिन एक विधायक के नाते मैं राज्य के महत्वपूर्ण विषय पर अपनी राय देने का हकदार हूं। आखिर क्षेत्र की जनता ने मुझे इसीलिए तो चुना है।

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