Monday, December 9, 2024
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हजारीबाग में हाथियों ने एक की परिवार के 3 लोगों को कुचलकर मार डाला

हजारीबाग : जिले के केरेडारी में हाथियों के झुंड ने एक ही परिवार के तीन लोगों को कुचल कर मार दिया है। इस घटना में मां, बेटा और बेटी की मौत हो गई और पिता गंभीर रूप से घायल है। हाथियों ने रामवृक्ष राम सिंह भुईयां नाम के ग्रामीण की पत्नी रोहणी देवी (40), पुत्र मुकेश कुमार (12), पुत्री सुंदरी कुमारी (10 ) को कुचल कर मार डाला। वहीं, रामवृक्ष को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इसके अलावा 2 और लोग हमले में घायल हुए हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद थाना प्रभारी घटनास्थल पर पहुंचे और घायल को हजारीबाग अस्पताल लाया।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव के समीप 12 हाथियों का झुंड घूम रहा है। इस हाथियों के झुंड ने फसल बर्बाद करने के साथ-साथ गांव के रामबृक्ष राम सिंह के घर पर हमला कर दिया। इसमें रामबृक्ष की पत्नी रोहणी देवी के साथ-साथ पुत्र मुकेश कुमार और पुत्री सुंदरी कुमारी की मौत हो गई है। इसके साथ ही रामबृक्ष घायल हैं।

बताया जा रहा है कि रविवार की देर रात 12 हांथियों का झुंड अनाज की तलाश में गांव में प्रवेश कर गया। इस दौरान ग्रामीणों को इसकी भनक नहीं लगी। हाथियों का झुंड रामवृक्ष राम सिंह भुईयां नाम के ग्रामीण के घर में घुस गया। वह अपने परिवार के साथ सो रहे थे। इस दौरान हाथियों ने उनकी पत्नी रोहणी देवी, पुत्र मुकेश कुमार, पुत्री सुंदरी कुमारी को कुचल कर मार डाला। वहीं रामवृक्ष को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इसके अलावा 2 और लोग हमले में घायल हुए हैं। फिलहाल उनका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। हमले का शिकार हुआ परिवार मनातू गांव का रहने वाला है। यह ईंटा भट्‌ठा पर काम करने यहां आया था।

बताया जाता है कि हाथियों ने पूरे घर को क्षतिग्रस्त कर दिया। गांव के लोग जब तक मौके पर पहुंचते झुंड घर को बर्बाद कर चुका था। गांव के लोगों ने मामले की सूचना स्थानीय पुलिस व वन विभाग को दी। जानकारी मिलने के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। 1 महिला और 2 बच्चों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना के बाद से गांव के लोगों में वन विभाग के रवैये को लेकर नाराजगी है। बताया जा रहा है कि पिछले 2 दिनों से आबादी वाले इलाके में हाथियों का झुंड घूम रहा है। इन्हें गांव से बाहर निकलने के लिए ग्रामीण अपने स्तर से प्रयत्न कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस काम में वन विभाग का पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा है।