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Saturday, April 27, 2024
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लातेहार: डायन बताकर पेशाब पिलाने के सभी 14 आरोपियों को दो-दो साल की कैद और जुर्माना, आरोपियों में एक महिला भी शामिल

स्पीडी ट्रायल चलाकर महज 4 माह में दिलायी गयी सजा

लातेहार : जिले के महुआडांड़ थाना क्षेत्र के अरसा टोला गांव में 4 अप्रैल 2023 को घटित एक लोमहर्षक मामले का त्वरित सुनवाई कर अभियोजन ने सभी 14 आरोपियों को सजा दिलायी है।

अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी मिथिलेश कुमार की अदालत ने विचाराधीन जीआर केस संख्या 266/ 23 की सुनवाई पूरी करते हुए डायन भूत अधिनियम के उल्लंघन के 14 आरोपियों को दो-दो वर्षों की कारावास एवं एक-एक हजार रूपये जुर्माना की सजा सुनायी है। आरोपियों में एक महिला भी शामिल है।

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प्रभारी जिला अभियोजन पदाधिकारी अशोक कुमार दास के अनुसार उक्त मामले की स्पीडी ट्रायल की आग्रह ट्रायल कोर्ट से किया गया था। जिस पर संज्ञान लेते हुए ट्रायल कोर्ट ने प्राथमिकता के आधार पर गवाहों को पेश कराने का आदेश पारित किया था।

मालूम हो महुआडांड़ थाना क्षेत्र में गत चार अप्रैल 23 को एक वृद्ध दंपति को डायन- डाहया बताकर ग्रामीणों के द्वारा एक सभा बुलाकर भरी सभा में वृद्ध दंपति पर डायन भूत करके गांव को परेशान करने का आरोप लगाया था और भरी मजलिस में उक्त वृद्ध दंपति की जमकर पिटायी की गयी थी और महिला को सरेआम पेशाब पिलाकर सिर मुंडन कर चुना लगा और गले में तख्ती लगाकर पूरे गांव में दोनों को घुमाया गया था। उसके बाद सभा के द्वारा बतौर दंड उन्हें गांव में बैगा पूजा कराने की आदेश दिया गया था। जिसके तहत अगली सभा के पूर्व एक बकरा, एक सूअर एवं चार मुर्गा की बलि देने की व्यवस्था करने का दंड सुनाया गया था। उपरोक्त दंपति ने आरोपियों के कब्जे से मुक्त होने के बाद महुआडांड़ थाना को सूचित किया था। जिसके आधार पर महुआडांड़ थाना कांड संख्या 22 /2023 गत 4 अप्रैल 23 को दर्ज किया गया था। 21 दिनों के भीतर 25 मई 23 को पुलिस ने गिरफ्तार 14 आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र अदालत में समर्पित किया था। 17 जून को अदालत ने उक्त आरोपियों के विरुद्ध आरोप गठन किया था। ठीक 4 माह पूरी होने पर 4 अगस्त को आरोपियों को इस मुकदमे में निर्णय सुनाया गया।

अभियोजन पदाधिकारी श्री दास के अनुसार भादवि की धारा 323 के तहत एक – एक वर्ष की कारावास एवं एक-एक हजार रुपये जुर्माना, धारा 341 के तहत 1- 1 माह की कारावास व 500 -500 रुपये जुर्माना, धारा 342 के तहत 1- 1 वर्ष की कारावास व एक-एक हजार रुपये जुर्माना एवं धारा 504 के तहत 2-2 वर्षों की कारावास व 1000- 1000 रुपये जुर्माना तथा डायन प्रतिषेध अधिनियम की धारा तीन के तहत 3-3 माह की कारावास व 1000-1000 रुपये जुर्माना एवं धारा चार के तहत 6-6 माह की कारावास व 2000-2000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाया गया है। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में आरोपियों को तीन- तीन माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनायी गयी है। अदालत ने सभी सजाएं साथ-साथ चलाने का आदेश दिया है तथा कारा में बिताये अवधि को सजा में समायोजित करने का आदेश पारित किया है।

मालूम हो महुआडांड़ थाना क्षेत्र के अरसा टोला में ग्रामीणों ने एक सभा बुलाया था। सभा में शामिल आरोपियों में प्रदीप नगेसिया, प्रकाश नगेसिया, अजय नगेसिया ,प्रभु नगेशिया, महावीर नगेसिया, पुसनाथ नगेसिया, सरजू नगेसिया, परमेश्वर नगेसिया, जगेश्वर नगेसिया, मंतर नगेसिया, मदन नगेसिया, राम लखन नगेसिया, विमल नगेसिया एवं एक महिला बेलनी नगेशिया के खिलाफ आरोप सत्य पाया था और आरोप पत्र समर्पित किया गया था। उपरोक्त आरोपियों का ट्रायल अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी मिथिलेश कुमार की अदालत में चल रहा था। इस लोमहर्षक घटना में शामिल आरोपियों के विरुद्ध सजा सुनाए जाने पर लोगों में हर्ष है तथा पीड़ित परिवार का भरोसा व्यवस्था पर बढ़ा है। वर्ष 2023 की यह स्पीडी ट्रायल की पहली मामला है। अभियोजन ने पूरी तन्मयता से सभी छह गवाहों को पेश किया और स्पीडी ट्रायल चलाकर इस जघन्य अपराध के आरोपियों को सजा दिलाया है।