Breaking :
||लातेहार: लोकसभा चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने साझा की जानकारी, कहा…||पलामू: बारातियों से भरी बस अनियंत्रित होकर पलटी, 12 लोग घायल, सड़क निर्माण कंपनी के खिलाफ ग्रामीणों में रोष||पलामू: मजदूरों को ले जा रही पिकअप वैन पलटी, एक की मौत, दस से अधिक घायल, सड़क जाम||झारखंड में हीट वेव को लेकर यलो अलर्ट जारी, 30 अप्रैल तक घर से नहीं निकलने की चेतावनी||लातेहार: टैंकर और बाइक की सीधी टक्कर में बाइक सवार घायल, हेलमेट ने बचायी जान||चतरा लोकसभा: भाजपा प्रत्याशी कालीचरण सिंह ने दाखिल किया नामांकन, प्रदेश के कई बड़े नेता हुए शामिल||चतरा से कांग्रेस उम्मीदवार केएन त्रिपाठी 30 को करेंगे नामांकन||चतरा से भाजपा उम्मीदवार कालीचरण सिंह 26 को दाखिल करेंगे नामांकन||पलामू लोकसभा: अंतिम दिन तीन उम्मीदवारों ने किया नामांकन, कुल 11 ने भरा पर्चा||पलामू में 490 ग्राम अफीम के साथ दो तस्कर गिरफ्तार, कैश समेत अन्य सामान बरामद
Saturday, April 27, 2024
BIG BREAKING - बड़ी खबरपलामू प्रमंडलबालूमाथलातेहार

लातेहार: बालूमाथ में जंगली हाथियों ने 17 घर तोड़े, ग्रामीणों में आक्रोश, वन विभाग मुर्दाबाद के लगाये नारे

शशि भूषण गुप्ता/बालूमाथ

लातेहार : गुरुवार की देर रात बालूमाथ प्रखंड के बलबल ग्राम में जंगली हाथियों ने 17 घरों को तहस-नहस कर दिया। इस घटना से ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है। जंगली हाथियों द्वारा लगातार क्षेत्र के किसी न किसी गांव में उत्पात मचाये जाने से आक्रोश व दशत का माहौल है।

लातेहार की ताज़ा ख़बरों के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करें

शुक्रवार को ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति इतना उबाल देखा गया कि उन्होंने वन विभाग होश में आओ, वन विभाग मुर्दाबाद आदि के नारे लगाते हुए आक्रोश व्यक्त किया। वहीं मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों और कर्मियों को ग्रामीणों ने जमकर खरी-खोटी सुनायी।

ग्रामीणों का कहना था कि जंगली हाथियों ने 2 वर्षों के भीतर कई बार अपना निशाना बनाया है। इस दौरान अब तक 3 दर्जन से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा चुके हैं। जिससे उन्हें लाखों रुपए की क्षति हुई है। ग्रामीणों का आरोप था कि बीते 18 वर्षों से बालूमाथ थाना क्षेत्र में जंगली हाथियों ने उत्पात मचा रखा है लेकिन राज्य सरकार के साथ-साथ यहां के वन विभाग के अधिकारी इसके प्रति सचेत और गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। नतीजतन इसका कोप भाजन यहां के भोले-भाले ग्रामीणों को बनना पड़ रहा है।