भाजपा के दो विधायकों पर भी विधान सभा सदस्यता रद्द होने का खतरा
रांची : खनन पट्टा मामले में सीएम हेमंत सोरेन बुरी तरह घिरे हुए हैं। लाभ के पद के मुद्दे पर उनकी सीएम की कुर्सी खतरे में है। इसलिए झारखंड में इस समय सियासी संकट जारी है। शनिवार को हुए इस पूरे प्रकरण में रिज़ॉर्ट राजनीति की भी एंट्री हो गई है। वहीं यूपीए के तमाम विधायक एकजुटता दिखा रहे हैं। इस पूरे मामले पर बीजेपी की नजर है और दोनों तरफ से सियासी चाल चल रही है।
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भाजपा के सामने भी संकट
सदस्यता समाप्त करने के मुद्दे पर मुखर रहने वाली भाजपा ने झारखंड में इस मामले में अपने हाथ रंगे हैं। दरअसल भाजपा के दो विधायकों के सिर पर सदस्यता खत्म करने की तलवार लटकी हुई है। इनमें से एक हैं बाबूलाल मरांडी और दूसरे हैं कांके भाजपा विधायक सामरी लाल।
बाबूलाल पर दलबदल का मामला
दलबदल के मामले में बाबूलाल मरांडी से जुड़ी याचिका पर स्पीकर की अदालत में सुनवाई चल रही है। बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी जेवीएम का भाजपा में विलय कर दिया। दलबदल मामले में बाबूलाल मरांडी के खिलाफ स्पीकर की अदालत में कुल 4 अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं।
चुनाव जीतने के बाद हुए भाजपा में शामिल
झामुमो के टिकट पर चुनाव जीतकर बीजेपी में शामिल हुए बाबूलाल मरांडी के खिलाफ पूर्व विधायक राजकुमार यादव, झामुमो विधायक भूषण तिर्की, कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह, विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने याचिका दायर की है।
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समरीलाल भी विवादों में घिरे
वहीं दूसरी ओर कांके समरीलाल से बीजेपी विधायक भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में विवादों में घिर गए हैं। उनके खिलाफ मामला चुनाव आयोग में भी है और उनकी सदस्यता पर बर्खास्तगी की तलवार लटकी हुई है। कांके विधायक समरीलाल के गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव जीतने का मामला अप्रैल तक राजभवन में रहा। राज्यपाल रमेश बैस ने इसकी समीक्षा कर राय के लिए जल्द ही इसे चुनाव आयोग के पास भेजने की बात कही थी। चुनाव आयोग से राय मिलते ही राज्यपाल द्वारा तय किया जाना तय है। हालांकि यह मामला झारखंड हाईकोर्ट में भी चल रहा है, ऐसे में राजभवन की नजर भी कोर्ट पर है।