केंद्र सरकार से मिलकर उग्रवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में हासिल करेंगे जीत : हेमंत सोरेन
केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित वामपंथ उग्रवाद की समीक्षा बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में वामपंथी उग्रवाद पर आयोजित समीक्षा बैठक में शामिल हुए। बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल विरोधी अभियान में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच हमेशा बेहतर समन्वय रहेगा और पूरी उम्मीद है कि हम मिलकर उग्रवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में जीत हासिल करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से उग्रवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में अच्छी सफलता मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवाद को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार एक बहुआयामी कार्य योजना के तहत कार्य कर रही है। वामपंथी उग्रवादी संगठनों के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं। इस अभियान में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के साथ झारखंड जगुआर और एसएटी जैसे विशेष दल का का व्यापक उपयोग किया जा रहा है। शीर्ष वामपंथी नक्सली नेताओं को चिन्हित कर उनके विरुद्ध संयुक्त रूप से विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
बूढ़ा पहाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त करने में कामयाबी
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में बूढ़ा पहाड़ जैसे दुर्गम स्थान को नक्सलियों में अपना आश्रय स्थल बना रखा था लेकिन केंद्र सरकार के सहयोग से इस क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त कर लिया गया है। 12 अक्टूबर, 2022 को जिला प्रशासन ने आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने खुद 27 जनवरी को बूढ़ा पहाड़ जाकर लोगों से बातचीत की। इस दौरान गहन सर्वेक्षण कराकर इस क्षेत्र की 6 पंचायत के विकास के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। इस योजना को लागू करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना की ओर भी केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि झारखंड में अभी भी लगभग 8 लाख सुयोग्य लाभुक इस योजना के लाभ से वंचित हैं लेकिन केंद्र सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय राज्य सरकार के बार-बार अनुरोध के बाद भी कोई सकारात्मक निर्णय इस संबंध में नहीं ले रहा है। साथ ही अनुरोध किया कि झारखंड के इन आठ लाख योग्य लाभुकों लाभों को को उनका हक दिलाया जाए।
एसआरई मद में बीमा राशि की प्रतिपूर्ति को जारी रखा जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआरई योजना से बीमा मद को हटा लिया गया है। सुरक्षा बलों के मनोबल को बनाए रखने के लिए पूर्व की भांति एसआरई मद में बीमा राशि की प्रतिपूर्ति को जारी रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड के कोडरमा, रामगढ़ और सिमडेगा जिला को एसआरई जिला की सूची से हटाया गया है लेकिन इन जिलों में प्रतिनियुक्त केंद्रीय सैनिक बलों के ऊपर किए गए खर्च की प्रतिपूर्ति एसआरई योजना से करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के एसआरई गाइडलाइन के अनुसार भूतपूर्व सैनिकों-भूतपूर्व पुलिसकर्मियों को ही एसपीओ के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। सुरक्षा कारणों से भूतपूर्व सैनिकों- भूतपूर्व पुलिस कर्मियों द्वारा एसपीओ नियुक्ति में रुचि नहीं ली जा रही है। ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों को एसपीओ के रूप में नियुक्त करने के लिए अनुमति की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएमएफटी की राशि खर्च करने के निमित्त भारत सरकार मार्गनिर्देशिका में परिवर्तन करने जा रही है, जिससे झारखंड को व्यावहारिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उदाहरणस्वरूप नए प्रस्तावित मार्गनिर्देश के अनुसार किसी भी खनन क्षेत्र के मात्र 15 किलोमीटर की परिधि में ही राशि व्यय किया जा सकता है, जो झारखंड जैसे जंगलों एवं पहाड़ों से आच्छादित राज्य के लिए संभव नहीं है। उन्होंने अनुरोध किया कि खनन मंत्रालय को झारखंड सरकार की आपत्ति को संज्ञान में लेते में किसी भी प्रकार के परिवर्तन नहीं करने का निर्देश निर्गत करें। मार्गनिर्देशिका में किसी भी प्रकार के परिवर्तन नहीं करने का निर्देश निर्गत करें।
बैंकों का नहीं मिल रहा अपेक्षित सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में विकास के निमित बैंकों का अपेक्षित सहयोग भी प्राप्त नहीं हो रहा है, जो राज्य के सीडी रेश्यो 45 प्रतिशत होने से परिलक्षित होता है जबकि राष्ट्रीय औसत करीब 67 प्रतिशत है। बैंकों के इस असहयोगात्मक रूप से लाखों करोड़ रुपये के निवेश के लाभ से वंचित हो रही है। इसके विपरीत राज्य के अनुसूचित जनजाति समुदाय के अभ्यर्थियों को छोटे-छोटे ऋण की सुविधा भी बैंक के जरिए उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। उन्होंने अनुरोध किया कि सभी बैंकों को राज्य के अपेक्षित सहयोग प्रदान करने का निर्देश करें, जिससे कि उग्रवाद की समस्या पुनः यहां नहीं पनप सके।
एकलव्य मॉडल रेसीडेंशियल स्कूल पर रखा अपना पक्ष
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के आदिवासी कल्याण मंत्रालय के द्वारा झारखंड में अब तक 91 एकलव्य मॉडल रेसीडेंशियल स्कूल स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 28 का निर्माण राज्य सरकार को करना था, जिसके विरुद्ध 21 का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 7 विद्यालय का संचालन भी हो रहा है। शेष 14 को इसी वित्तीय वर्ष में चालू करने की योजना है। 68 का निर्माण कार्य भारत सरकार की एजेंसी द्वारा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इन ईएमआरएस विद्यालयों की स्थापना उन्हीं प्रखण्डों में हो सकती हैं, जहां आदिवासियों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है, बशर्ते न्यूनतम जनसंख्या 20 हजार होनी चाहिए। झारखंड में ओएसपी क्षेत्र में 29 तथा टीएसपी क्षेत्र में 32 यानी कुल 61 ऐसे प्रखण्ड हैं, जहां आदिवासियों की संख्या 20 हजार से अधिक है लेकिन वे 50 प्रतिशत की शर्त का पालन नहीं करते हैं। कुछ प्रखण्डों में यह जनसंख्या 50 हजार से भी अधिक है। उन्होंने अनुरोध किया कि ईएमआरएस की स्वीकृति के लिए निर्धारित मापदण्ड में 50 प्रतिशत की शर्त को समाप्त किया जाय, ताकि आदिवासी बहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों को इस योजना का लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवाद की समस्या दोबारा न हो, इसके लिए जरूरी है कि इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विकासोन्मुखी योजनाएं चलायी जाये, जिसके लिए राज्य को संसाधनों की जरूरत होगी।
सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार का भारत सरकार के खनन कंपनियों पर करीब एक लाख छत्तीस हजार करोड़ रुपये बकाया है, जिसे उनके द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने अनुरोध किया कि खनन मंत्रालय को यथाशीघ्र इस बकाया का भुगतान करने का निर्देश निर्गत करें।
जनवरी 2022 से 762 उग्रवादियों की हो चुकी गिरफ्तारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से जनवरी, 2022 से अगस्त, 2023 तक कुल 762 नक्सलियों को गिरफ्तार किया किया गया है। इनमें स्पेशल एरिया कमेटी के 3 सदस्य, रीजनल कमेटी का एक सदस्य, 10 जोनल कमांडर, 16 सब जोनल कमांडर और 25 एरिया कमांडर शामिल हैं। इसके अलावा 20 नक्सली पुलिस मुठभेड़ में मारे गये हैं, जिनमें स्पेशल एरिया कमेटी का दो, 4 सब जोनल कमांडर और एक एरिया कमांडर शामिल हैं। इसके अलावा 1160 आईडी और 76 हथियार भी बरामद किये गये हैं। इस अवधि में 37 नक्सलियों में पुलिस के समक्ष समर्पण किया है, जिनमें स्पेशल एरिया कमेटी का एक, रीजनल कमेटी का तीन, 4 जोनल कमांडर, 9 सब जोनल कमांडर और 10 एरिया कमांडर शामिल हैं।
सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों से सीधा संवाद
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम के तहत दुर्गम क्षेत्रों के ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित कर उनका विश्वास जीतने का प्रयास किया जा रहा है। वामपंथी उग्रवादियों के असली चेहरे को जनता के समक्ष उजागर किया जा रहा है। उग्रवादी संगठनों के विरुद्ध चलाये जा रहे इस बहुआयामी अभियान में झारखंड राज्य को अप्रत्याशित सफलता मिली है। नक्सली संगठनों के प्रभाव क्षेत्र में लगातार कमी हो रही है एवं अब उनका दायरा राज्य के कुछेक क्षेत्रों में सिमट कर रह गया है।
नक्सल विरोधी अभियान में इस्तेमाल होने वाले हेलीकॉप्टर का खर्च एसआरई मद से हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल विरोधी अभियान में समय-समय पर हेलीकॉप्टर का भी प्रयोग किया जाता है, जिसके खर्च का वहन एसआरई मद से किया जाता था। गृह मंत्रालय द्वारा 2018-2022 तक की अवधि के खर्च की प्रतिपूर्ति में आपत्ति दर्ज की गयी है। उन्होंने अनुरोध किया कि इस राशि का भुगतान एसआरई मद से किया जाय तथा गृह मंत्रालय, भारत सरकार की अधिकार प्राप्त समिति से पूर्व अनुमोदन की अनिवार्यता को समाप्त किया जाय।
नक्सल प्रभावित इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित जिलों में कनेक्टिविटी का सुधार करना भी आवश्यक है। इसके लिए भारत सरकार द्वारा सड़कों के निर्माण के लिए आरआरपी तथा आरसीपीएलडब्ल्यूईए नामक योजनाएं चालू की गयी हैं। इसके तहत स्वीकृत योजनाओं को ससमय पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। नक्सल प्रभावित चाईबासा जिला में डीएमएफटीकी राशि से बड़ी संख्या में सड़क निर्माण की कार्य योजना तैयार की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रथम चरण में 816 अधिष्ठापित मोबाईल टावर के 4जी उन्नयन कार्य बीएसएनएल द्वारा किया जा रहा है। टीएससी से उपकरण प्राप्त नहीं होने के कारण यह कार्य अवरूद्ध है। द्वितीय चरण में 1184 स्थानों के विरुद्ध राज्य सरकार ने 1173 स्थानों पर भूमि उपलब्ध करा दी है। शेष 11 स्थानों पर भी शीघ्र भूमि उपलब्ध करा दी जायेगी। टावर निर्माण का कार्य बीएसएनएल द्वारा किया जा रहा है।
सभी जिलों में स्पेशल मॉनिटरिंग सेल का गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवादी घटनाओं से संबंधित काण्डों के अनुसंधान एवं अभियोजन को बेहतर बनाने के लिए सभी जिलों में विशेष निगरानी कक्ष का गठन किया गया है। राज्य में 2014 से यूएपीए के तहत दर्ज कुल 599 उग्रवाद कांडों में से 426 में अनुसंधान का कार्य पूर्ण कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। 21 संवेदनशील कांडों का अनुसंधान एनआईए को सौंपा गया है।
फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी पर इनाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक की आकर्षक पुरस्कार राशि की घोषणा की गयी है। वर्तमान में 91 फरार नक्सलियों के विरुद्ध पुरस्कार घोषित है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2022 में 90 एवं वर्ष 2023 में अगस्त तक कुल 97 नक्सली हिंसा की घटनाएं प्रतिवेदित हुई हैं। नक्सलियों के विरुद्ध प्रभावकारी अभियान के कारण वर्ष 2021 से थाना, पिकेट व पोस्ट पर नक्सलियों द्वारा आक्रमण की कोई घटना प्रतिवेदित नहीं हुई है। जमशेदपुर, दुमका देवघर, जामताड़ा, गोड्डा, पाकुड़ एवं साहेबगंज में जनवरी, 2022 से अभी तक नक्सल हिंसा की कोई घटना प्रतिवेदित नहीं हुई है। 2018 के बाद विशेष क्षेत्र समिति या पूर्वी क्षेत्रीय ब्यूरो की कोई भी बैठक झारखंड में नहीं हुई है।
नक्सलियों पर नियंत्रण के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय बनाकर कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी सीमावर्ती राज्यों जैसे- बिहार, छत्तीसगढ़, बंगाल, उड़ीसा, तेलंगाना एवं उत्तर प्रदेश के साथ बेहतर समन्वय बनाकर ससमय सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है। सूचना आधारित अन्तर्राज्यीय उग्रवाद विरोधी अभियानों का संचालन भी लगातार किया जा रहा है। इसके लिए संयुक्त कमान नियंत्रण केंद्र गया, बिहार का इस्तेमाल किया जाता है। जनवरी, 2022 से अगस्त, 2023 तक कुल 38 अन्तर्राज्यीय सीमा बैठकें आयोजित की गयी है। पूर्वी क्षेत्र पुलिस समन्वय की बैठक लगातार की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शीर्ष नक्सल नेतृत्व एवं उनके परिजनों व समर्थकों की गतिविधियों की निगरानी की जा रही है। जमीनी आसूचना संकलन के लिए बड़ी संख्या में विशेष पुलिस अधिकारी की तैनाती क्षेत्रों में की गयी है। केन्द्र एवं राज्य के विभिन्न एजेन्सियों के बीच आपसी समन्वय स्थापित कर सूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही है। झारखंड राज्य में 129 दृढ़ पुलिस स्टेशन का निर्माण किया जा चुका है एवं 08 थानों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।
कई नक्सली संगठन प्रतिबंधित
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भाकपा के पांच संगठनों (क्रांतिकारी किसान कमेटी, नारी मुक्ति संघ, झारखंड ए-वन ग्रुप, झारखंड सांस्कृतिक मंच, मजदूर संगठन समिति) को प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही ऐसी संस्थायें जो गुप्त रूप से उग्रवादियों का समर्थन कर रहे हैं एवं उग्रवाद उन्मूलन अथवा विकास में बाधा बन रही है, ऐसी संस्थाओं पर निगरानी रखी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी 2020 से अभी तक अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों यथा सरायकेला-चाईबासा-खूंटी-रांची के सीमावर्ती क्षेत्र, बुढ़ा पहाड़, कोल्हान एवं पारसनाथ क्षेत्र में 48 सुरक्षा कैम्पों की स्थापना की गयी है। इससे उस क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों पर ब्रेक लगी है। लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है तथा विकास के कार्यों में तेजी आयी है।
Hemant Soren attended review meeting extremism