सतबरवा: अपहरण व हत्या के फर्जी मामले में फंसा कर ससुराल वालों को भेजा जेल, सात साल बाद हुआ खुलासा, आरोपी दामाद गिरफ्तार
पलामू : नावा बाजार निवासी राममिलन चौधरी उर्फ चुनिया को सोमवार को छतरपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर सतबरवा पुलिस के हवाले कर दिया है। आरोपी राममिलन चौधरी उर्फ चुनिया ने अपनी ही अपहरण व हत्या की साजिश रचकर, झूठा मामला दर्ज करवा कर अपनी पत्नी समेत ससुराल वालों को जेल भेज दिया था। मामला 2016 का है।
सतबरवा थाना क्षेत्र के पोंची गांव निवासी दीपक चौधरी ने बताया कि 2009 में उनकी बहन सरिता ने नावा बाजार के राममिलन चौधरी से पूरे सामाजिक रीति-रिवाज से शादी की थी। शादी के बाद मेरी बहन को ससुराल वालों ने दहेज के लिए प्रताड़ित किया। आजिज होकर 2013 में कोर्ट में दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया था।
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मामला चल ही रहा था कि 3 सितंबर 2016 को बहन के देवर दिलीप चौधरी ने नावा बाजार थाने में मेरे पिता राधा चौधरी, मां कलावती देवी, बहन सरिता देवी, चाचा बाबूलाल चौधरी, कुदरत अंसारी, ललन मिस्त्री व दानिश अंसारी के खिलाफ मेरे बहनोई के अपहरण कर हत्या का आरोप लगाते हुए एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी।
इस फर्जी मामले में पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिसमें छह लोग जमानत पर बाहर आ गए लेकिन दानिश अंसारी अभी भी जेल में है। मेरे पिता इस सदमे को सहन नहीं कर सके और जेल से आने के तीन से चार महीने बाद उनकी मृत्यु हो गयी।
दीपक चौधरी ने आगे कहा कि हमने पुलिस प्रशासन से बहुत गुहार लगायी कि आरोप निराधार है लेकिन पुलिस ने हमारी बात नहीं मानी और पूरे परिवार को जेल भेज दिया।
इधर, हमें लगातार जानकारी मिल रही थी कि वह अपने घर आते रहता है। इस संबंध में भी मैंने कई पुलिसकर्मियों से कहा कि वह जीवित है, लेकिन मुझे पुलिस का सहयोग नहीं मिला। फिर मैंने छतरपुर पुलिस को अपना अतीत सुनाया और सहयोग करने की अपील की।
छतरपुर पुलिस ने ड्यूटी निभाते हुए मेरे बहनोई राममिलन चौधरी को छतरपुर भव पुलिया के पास से गिरफ्तार कर सतबरवा पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद इसे सतबरवा थाने की एसआई रेणुका कुमारी को सौंप दिया गया। इस बात की पुष्टि सतबरवा थाना प्रभारी ऋषिकेश राय ने की है।