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Sunday, April 28, 2024
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विधानसभा के विशेष सत्र में आपस में ही उलझ पड़े सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक, चला आरोप-प्रत्यारोप का दौर

Jharkhand Assembly Special Session

रांची : झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान चर्चा के दौरान झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू ने कहा कि विपक्षी लोगों ने राज्य में जनादेश के हरण का कुत्सित प्रयास किया। इसमें राजभवन भी शामिल हुआ तो उसे भी विरोध का सामना करना होगा। यह लोकतंत्र है, राजतंत्र नहीं। राजभवन की भूमिका दूसरे लोग ना समझाएं। उसने अपने मूल्यों को तार-तार किया है।

उन्होंने कहा कि झामुमो, कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाले भाजपाई बतायें कि अमित मंडल, जेपी पटेल, अपर्णा सेन गुप्ता, भानु प्रताप शाही जैसे नेता कहां से, किस परिवार से हैं। झामुमो संघर्ष वाली पार्टी रही है। भाजपा में बाबूलाल, अमर बाउरी आयातित नेता हैं। हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ भाजपा ने जो साजिश की, उसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव में दिखेगा।

भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि कांग्रेस के राहुल गांधी भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू नहीं गये। इससे आदिवासी समाज के प्रति उनकी भावना दिखती है। धन्यवाद प्रस्ताव के विरोध में भाजपा के बिरंची नारायण ने भी बात रखी। उन्होंने कहा कि चम्पाई सोरेन सरकार हेमंत सरकार पार्ट-2 ना बने। बालू, पत्थर, जमीन की लूट में कहीं उसे जेल की सलाखों के पीछे ना जाना पडे। साइकिल पर कोयला लाद कर चलने वालों संग दिखे। ये कोयले की ढुलाई करते हैं, चोरी करते हैं।

उन्होंने कहा कि साहेबगंज डीसी रामनिवास यादव के यहां से गोली और नगदी मिलने पर उन पर एफआईआर नहीं हुआ। हेमंत सोरेन ने सदन में कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ। उन्हें जेल भेजा गया। सबूत पर झारखंड छोड़ देने की बात कही। वे बताएं कि पंकज मिश्रा कोन हैं। ये लोग झारखंड को लूटते रहे और यहां के आदिवासियों को बेवकूफ समझते रहे। उन्होंने कहा कि आदिवासियों को बहला-फुसला कर धर्म परिवर्तित किया जा रहा है। आदिवासियों की डेमोग्राफी कई जगहों में बदल गयी है। टुकड़े-टुकड़े में बांटा जा रहा है।

इरफान अंसारी ने सदन में राज्यपाल को तानाशाह बताते हुए कहा कि हमें दक्षिण के राज्य, वहां की कला संस्कृति, रहन-सहन पसंद आता है लेकिन राज्यपाल को यहां के आदिवासी नहीं सुहाते। उन्होंने यहां की सरकार को कुचलने का प्रयास किया। वास्तव में राजभवन को भाजपा कार्यालय के द्वारा चलाया जा रहा है। इसी दौरान अमर बाउरी ने स्पीकर से तानाशाही शब्द को स्पंज करने की अपील की। राज्यपाल को कस्टोडियन बताते हुए सदन से उनके लिए सम्मान दिखाने की अपील भी की।

आजसू पार्टी विधायक लंबोदर महतो ने राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा बताया। उन्होंने कहा कि अभिभाषण के दौरान सत्ता पक्ष के शोरगुल को उन्होंने समझा। वास्तव में ये नहीं चाहते थे कि सरकार की पोल खुले। चम्पाई सोरेन भी टाइगर के रूप में विख्यात हैं। यदि वे खुद को पार्ट- 2 बता रहे हैं तो उन्हें चाहिए कि 1932 खतियान आधारित नीति, ओबीसी आरक्षण, जातीय गणना जैसे काम को पूरा करायें।

मिथिलेश ठाकुर ने राजभवन से जवाब मांगते हुए कहा कि जब 31 जनवरी को ही राजभवन को बहुमत होने की जानकारी दी तब आखिर 40 घंटे तक इंतजार उन्होंने क्यों किया। बिहार में चार घंटे के भीतर नीतीश सरकार को शपथ दिला दी गयी लेकिन यहां 40 घंटे लिए गये। भाजपा पिछले दरवाजे से लोकतंत्र की हत्या में लगी है।

विधायक प्रदीप यादव ने आजादी के दौरान भाजपाई लोगों के योगदान पर सवाल पूछते हुए कहा कि ये तानाशाह लोग हैं। आजादी और उसके बाद संविधान के कारण ही आज यहां आदिवासी, ओबीसी, दलित वर्ग के लोग दिख रहे हैं। इनका (भाजपा) वश चलता तो यह देश मनुस्मृति से चलता।

विनोद सिंह, दीपक बिरूआ सहित सत्ता पक्ष के अन्य विधायकों ने भी हेमंत सोरेन सरकार द्वारा शुरू किये गये प्रयास की सराहना करते भाजपा पर हमला बोला। सरयू राय ने पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादले की टाइमिंग पर सवाल पूछा, जिस पर बन्ना गुप्ता ने शोर भी मचाया। सरयू राय ने कहा कि संभव है कि इसके लिये एडवांस में पैसे ले लिये गये हों।

भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने राज्यपाल के अभिभाषण पर संशोधन का प्रस्ताव दिया था। यह प्रस्ताव सदन में नहीं आने पर उन्होंने कहा कि हमलोग विधायक नहीं हैं तो बोल दीजिये। इसपर स्पीकर ने कहा कि आपसे किसने कह दिया कि आप विधायक नहीं हैं। अपने दिमाग में जो कुछ लेकर आते हैं, उसी को सदन में परोसने का काम करते हैं। आप सीधा आसन पर आक्षेप लगा देते हैं।

अमर बाउरी ने कहा कि राज्यपाल हमारे कस्टोडियन हैं। इस सदन में सत्ता पक्ष के लोग उनके मान-सम्मान को तार-तार कर रहे हैं। विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि इरफान अंसारी दावा करते हैं कि वे डॉक्टर हैं। मेरा आग्रह है कि एक बार उन्हें कांके भिजवा कर चेक कर लिया जाये कि वह डॉक्टर हैं या नहीं।

विधायक ढुल्लू महतो ने कहा कि हेमंत सरकार बनने के बाद से अब तक उन्हें तीन बार जेल भेजा गया है। यदि चम्पाई सोरेन आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के सच्चे हितैषी हैं तो उनपर लगे आरोपों की सीबीआई जांच करायें। आरोप सही होगा तो वो विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे।

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विधानसभा में विधायकों ने आवेश में कई बार असंवैधानिक शब्दों का प्रयोग किया। स्पीकर को तीन बार विधानसभा की कार्यवाही से ऐसे शब्दों को स्पंज करना पड़ा। विधायक दीपिका पांडे सिंह, इरफान अंसारी और ढुल्लू महतो के भाषण के कुछ अंश स्पंज किये गये हैं।

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