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Thursday, November 30, 2023
BIG BREAKING - बड़ी खबरपलामूपलामू प्रमंडल

बदले की भावना से विधानसभा में दायर किया गया मुकदमा : कमलेश सिंह

घड़ी चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग में चल रहा है मामला

पलामू : झारखंड में एनसीपी के एकलौते विधायक कमलेश कुमार सिंह के खिलाफ शरद गुट ने झारखंड विधानसभा न्यायधिकारण में मामला दर्ज कराया है। इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक कमलेश कुमार सिंह से 27 सितंबर तक जवाब तलब किया था। विधायक कमलेश कुमार सिंह के पक्ष में एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पवार ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर कहा है कि ज्ञात हुआ है कि एक समूह के द्वारा एनसीपी के रूप में एक अयोग्यता याचिका पत्र भेजा गया है जिसमें झारखंड विधान सभा से एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह को अयोग्य घोषित करने की मांग की गयी है।

उन्होंने लिखा है कि उन्हें एनसीपी के निर्वाचित और संगठनात्मक विंग ने भारी बहुमत से एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है। मुंबई में आयोजित एनसीपी के खुले राष्ट्रीय सम्मेलन में भी एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति की पुष्टि हुई है। नियुक्ति के तथ्य को जुलाई 2023 में पत्र के मध्यम से भारत के चुनाव आयोग को सूचित कर दिया गया है। निर्वाचन आयोग में मामला विचाराधीन है। उन्होंने लिखा है कि वर्तमान में एनसीपी महाराष्ट्र व नागालैंड राज्य में एक मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी है। महाराष्ट्र राज्य में भारी बहुमत के अलावा झारखंड विधानसभा में एक मात्र एनसीपी विधायक का समर्थन प्राप्त है।

विधायक कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि जब घड़ी चुनाव चिन्ह का मामला फिलहाल चुनाव आयोग के पास है और एनसीपी के अध्यक्ष के तौर पर अजित पवार को पार्टी के नेताओं ने चुना है, तो कोई कैसे दावा कर सकता है कि घड़ी चुनाव चिन्ह उनका हो सकता है। पूरी प्रक्रिया के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष और कार्यकारणी का चुनाव किया गया है। इसकी जानकारी चुनाव आयोग को भी दी गयी है। बावजूद उनके खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजना समझ से परे है।

झारखंड एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष कमलेश ने मंगलवार को कहा कि जितेंद्र अहवद के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र भेजा गया है। इस पत्र में उनपर दल बदल का आरोप लगाया गया है। इसके बाद विधानसभा से उन्हे पत्र मिला है, जिसका जवाब अजित पवार और प्रफुल पटेल ने दे दिया है। शरद गुट के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को इस तरह से पत्र देना कही से भी उचित नहीं है। वह झारखंड से एनसीपी के इकलौते विधायक है। दल बदल कानून उनपर लागू नहीं होता है।