रामनवमी के दौरान माहौल बिगाड़ने वाले आपत्तिजनक पोस्ट पर झारखंड पुलिस की पैनी नजर, गाइडलाइन जारी
झारखंड पुलिस रामनवमी गाइडलाइन
रांची : रामनवमी के मौके पर सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वाले सीधे जेल जायेंगे। इसे लेकर झारखंड पुलिस की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है।
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी ऑपरेशन अमोल वेणुकांत होमकर ने बताया कि रामनवमी त्योहार को देखते हुए सबसे ज्यादा फोकस सोशल मीडिया पर रहेगा। इसके लिए सभी जिलों में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल का गठन किया गया है। मॉनिटरिंग सेल बिल्कुल हाईटेक है। राज्य के विभिन्न जिलों से आने वाली सूचनाएं मुख्यालय स्थित नियंत्रण कक्ष में एकत्र की जायेंगी। त्योहार के दौरान कई ऐसे तत्व होते हैं, जो समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश करते हैं ताकि माहौल खराब हो और किसी दूसरे पक्ष को फायदा मिले। रामनवमी त्योहार को देखते हुए पुलिस भी ऐसे तत्वों को बख्शने के मूड में नहीं है।
उन्होंने बताया कि राज्य के सभी जिलों के एसएसपी, एसपी और डीसी को अपने-अपने सोशल मीडिया सेल द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को लोगों के साथ-साथ महावीरी अखाड़ों और अन्य शांति समितियों को साझा करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए जो मॉनिटरिंग सेल बनाया गया है वह काफी हाईटेक है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई किसी अनजान सर्वर से मैसेज वायरल करता है तो इसकी जानकारी तुरंत मॉनिटरिंग सेल के जरिये साइबर टीम को दे दी जायेगी। सोशल मीडिया के अलग-अलग विंग के लिए अलग-अलग टीमें बनायी गयी हैं। व्हाट्सएप, फेसबुक और एक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर नजर रखी जा रही है।
अमोल वेणुकांत होमकर ने बताया कि सोशल मीडिया को लेकर जिलों के डीसी और एसपी को निर्देश जारी किये गये हैं। उनसे शहर के प्रमुख चौराहों पर सोशल मीडिया से संबंधित साइन लगाने और हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि समाज में अफवाह फैलाने के लिए कई तरह के मैसेज फैलाये जाते हैं। ऐसे में आम लोगों से अपील की गयी है कि वे तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम या अपने स्थानीय थाने में फोन कर इसकी जानकारी दें। सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों के बारे में पुलिस से बात करें और पुलिस से पूछें कि क्या यह जानकारी सही है। रामनवमी पर सोशल मीडिया के जरिए किसी भी तरह की कोई अफवाह न फैलायी जा सके, इसके लिए सभी जिलों में दिशा-निर्देश भी जारी किये गये हैं। सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाने वालों की जानकारी देने के लिए जिला स्तर पर फोन नंबर भी जारी किये गये हैं।
गाइडलाइंस में आम लोगों से भी कहा गया है कि वे कभी भी कोई भड़काऊ संदेश प्रचारित न करें। अगर उनके मोबाइल पर कोई आपत्तिजनक मैसेज आता है तो वह इसकी सूचना पुलिस को अवश्य दें। गाइडलाइंस में यह भी बताया गया है कि मैसेज को एक जगह से दूसरी जगह भेजने वाला भी उतना ही दोषी है जितना मैसेज बनाने वाला भी, इसलिए सावधानी बरतें।
हाल के दिनों में झारखंड के कई जिलों में सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों को जेल भी भेजा गया है। ईद के दौरान सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश वायरल करने के आरोप में रांची से दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पुलिस ने शांति समिति की बैठक में ऐसे सभी लोगों की जानकारी दी है, ताकि लोग इससे सबक ले सकें।
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