नक्सलियों के 15 लाख रुपये नॉन बैंकिंग कंपनियों में जमा कराने के आरोपी को हाईकोर्ट से मिली जमानत, बालूमाथ थाने में दर्ज हुआ था मामला
रांची : 2016 में नोटबंदी के दौरान सहारा इंडिया और अन्य गैर-बैंकिंग कंपनियों में नक्सलियों के 15 लाख रुपये जमा कराने में मदद करने के आरोपी संतोष उरांव को मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल गयी। न्यायमूर्ति एस चन्द्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पांच साल जेल में रहने की अवधि को ध्यान में रखते हुए संतोष उरांव को जमानत दे दी।
मामले को लेकर बालूमाथ थाना में संतोष उरांव समेत पांच लोगों के खिलाफ कांड संख्या 161/2016 दर्ज किया गया था। बाद में साल 2018 में एनआईए ने इस केस को अपने हाथ में ले लिया और केस नंबर 1/2018 दर्ज किया था। इस मामले की सुनवाई रांची स्थित एनआईए की विशेष अदालत में चल रही है। बताया जाता है कि संतोष उरांव सहारा इंडिया में एजेंट के तौर पर काम करता था। आरोप है कि उसने नक्सलियों की टेरर फंडिंग का पैसा सहारा इंडिया, बालूमाथ और मेसर्स पेट्रोन मिनरल्स एंड मेटल लिमिटेड जैसी गैर-बैंकिंग कंपनियों में निवेश किया। पुलिस ने उसे 21 मार्च 2018 को गिरफ्तार किया था, तब से वह जेल में बंद था।
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