Breaking :
||रांची में बर्ड फ्लू, दो डॉक्टर समेत छह संक्रमित, किया गया क्वारंटाइन||गुमला: सिसई थाने का मुंशी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार||गढ़वा: सरकारी आवास में फंदे से लटका मिला विशुनपुरा BDO का शव, मानसिक रूप से थे परेशान||पलामू: माओवादी राजेन्द्र भुइयां समेत दो गिरफ्तार, भरठुआ बंदूक समेत अन्य सामान बरामद||रांची के पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने छोड़ी कांग्रेस, टिकट नहीं मिलने से थे नाराज, 28 मार्च को कांग्रेस में हुए थे शामिल||चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पायेंगे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कोर्ट ने खारिज की अंतरिम जमानत याचिका||लातेहार: लोकसभा चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने साझा की जानकारी, कहा…||पलामू: बारातियों से भरी बस अनियंत्रित होकर पलटी, 12 लोग घायल, सड़क निर्माण कंपनी के खिलाफ ग्रामीणों में रोष||पलामू: मजदूरों को ले जा रही पिकअप वैन पलटी, एक की मौत, दस से अधिक घायल, सड़क जाम||झारखंड में हीट वेव को लेकर यलो अलर्ट जारी, 30 अप्रैल तक घर से नहीं निकलने की चेतावनी
Sunday, April 28, 2024
BIG BREAKING - बड़ी खबरझारखंडरांची

सरेंडर करने से पहले ही माओवादियों ने सब-जोनल कमांडर की कर दी ह्त्या

रांची : सरेंडर करने से पहले ही सब-जोनल कमांडर गुलशन सिंह मुंडा उर्फ गड़ी मुंडा उर्फ सुभाष मुंडा की सेंट्रल कमेटी के सदस्य अनल दा ने हत्या कर दी। गुलशन पर 5 लाख रुपये का इनाम था। हत्या के आरोपी शीर्ष नक्सली अनल दा पर एक करोड़ का इनाम है। यह जानकारी पुलिस मुख्यालय और विशेष शाखा के अधिकारियों को भी मिली है। लेकिन शव नहीं मिलने के कारण पुलिस अधिकारियों ने अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

इसलिए पुलिस ने गुलशन को फरार नक्सलियों की लिस्ट में ही रखा है। इधर नक्सलियों ने गुलशन की हत्या का दावा भी नहीं किया है। पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार उन्हें जानकारी मिली है कि हत्या के बाद गुलशन के शव को भी दफना दिया गया है। लेकिन कहां, इसे लेकर कुछ भी साफ नहीं हो पाया है। गुलशन के पिता का नाम सोमरा मुंडा है और वह बुंडू के बारूहातू का रहने वाला था।

माओवादी गुलशन का भाई सुरेश मुंडा भी जोनल कमांडर के पद पर था। सरकार की ओर से उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। लेकिन वह अपनी बेटी के अनुरोध के बाद 1 मार्च को रांची पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसके साथ एरिया कमांडर लोद्रो लोहरा उर्फ सुभाष ने भी आत्मसमर्पण किया।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सुरेश ने सरेंडर करने के बाद अपने भाई को मुख्यधारा में लौटने को कहा था, जिससे प्रभावित होकर गुलशन भी आत्मसमर्पण करने की तैयारी कर रहा था। लेकिन इसी बीच शीर्ष नक्सलियों को उसके आत्मसमर्पण करने की योजना की जानकारी मिली और उसकी ह्त्या कर दी गयी।