आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर, साक्ष्य के अभाव में हुए रिहा
पलामू : आदर्श आचार संहिता उल्लंघन समेत अन्य मामलों में राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर बुधवार को पलामू व्यवहार न्यायालय में उपस्थित हुए। उन्होंने एमपी एमएलए कोर्ट में न्यायाधीश एसके मुंडा के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। मंत्री का पक्ष सुनने के बाद न्यायाधीश ने साक्ष्य के अभाव में उन्हें रिहा कर दिया।
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गौरतलब है कि 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान केंद्र पर हंगामा करने और मतदाताओं को प्रभावित करने समेत अन्य आरोपों में मिथिलेश ठाकुर के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था। सुनवाई के बाद फैसले के लिए बुधवार की तारीख तय की गयी। निर्धारित तिथि पर मंत्री सशरीर कोर्ट में उपस्थित हुए और अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं था। उन्हें फंसाने के लिए विरोधियों ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था।
मंत्री मिथिलेश ठाकुर की बात सुनने के बाद अदालत ने साक्ष्य के अभाव में उन्हें मामले से मुक्त कर दिया। कोर्ट से बाहर आने के बाद मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है। उन्हें जानबूझकर आचार संहिता उल्लंघन के मामले में आरोपी बनाया गया था, लेकिन आज उन्हें न्याय मिल गया।
मामले में मंत्री के वकील परेश तिवारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के साथ-साथ धारा 504, 171 एफ आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया था। 15 गवाहों की गवाही के बाद भी अभियोजन पक्ष केस साबित नहीं कर सका। नतीजा यह हुआ कि मंत्री मिथिलेश ठाकुर बाइज्जत कोर्ट से रिहा हो गये।
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