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Sunday, April 28, 2024
पलामूपलामू प्रमंडल

पलामू: सतबरवा के जोड़ा गांव में मलबे में दबी एक महिला व दो मासूम बच्चों को ग्रामीणों के अथक प्रयास के बाद किया गया रेस्क्यू

शिल्पा/सतबरवा

पलामू : जिले के सतबरवा प्रखंड के दुलसुलमा पंचायत के जोड़ा गांव के घर के मलबा में दबी महिला और उसके दो बच्चों को आधा घंटा तक रेस्क्यू अभियान चलाकर ग्रामीणों ने सकुशल निकाल लिया है। धटना बुधवार के सुबह 10 बजे के करीब की है, जब श्रवण भुईयां की पत्नी जीरा देवी 25 साल अपने तीन साल के बच्ची लक्ष्मी कुमारी तथा जितेंद्र कुमार डेढ़ वर्ष के साथ घर का मुख्य दरवाजा बंद करके घर में सोई हुई थी। इसी बीच मां के साथ बेटा और बेटी पर कच्चा मकान का बांस छप्पर, कंडी व खपडा भर भराकर तीनों के उपर गिर गया। जिसके चलते तीनों उसमें दब गये। दबी मां की शोर सुन उसी रोड से अपने घर जा रहे विनोद मांझी व टूटू भुईया ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर मलबा के नीचे तीनों लोगों को बाहर निकाला। इस दौरान सीढ़ी के सहारे कमरे में पहुंचे थे। जहां पर मलबा हटाकर निकाला गया।

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खपडैल मकान पर सीढ़ी के सहारे चढ़कर बचायी जान

बिनोद मांझी और टूटू भुईयां ने बताया की मलबे में दबी महिला व ग्रामीणों के द्वारा शोर मचाने की आवाज सुनकर घर के पास पहुंचे। घर का दरवाजा बंद था। सीढ़ी की व्यवस्था की तथा छप्पर पर चढ़कर गिरा हुआ कमरा में मलबा के सहारे किसी तरह नीचे उतरे थे। इस दौरान बांस, कंडी और खपड़ा के मलबे को आधे घंटे के प्रयास के बाद हटाया और दोनों बच्चे तथा बेसूध स्थित में पड़ी मां को बाहर निकाला। वहीं ग्रामीण महिलाओं ने मां तथा बच्चों को गर्म सरसों के तेल में लहसुन पकाकर कर पूरे शरीर में मालिश की। स्थिति में कुछ सुधार होने के बाद स्थानीय चिकित्सक को बुलाकर इलाज कराया गया।

नदी में मछली पकड़कर परिवार पालता है श्रवण

बगल की महिला रजवंती देवी, संगीता देवी ने बताया कि कई वर्षों से यहां पूरे परिवार के साथ रहते हैं। पक्का मकान नहीं मिलने के कारण खपड़ैल के मकान में यह परिवार रहने को विवश है। श्रवण नदी में मछली पकड़कर परिवार का पालन पोषण करता है। मछली नहीं मिलने की स्थिति में भूखे पेट सो जाते हैं।

चार दिन में 166 मिमी बारिश : बीएओ

सतबरवा के प्रभारी बीएओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि अक्टूबर माह के 4 दिनों में 166 मिली मीटर वर्षा हुई है। उन्होंने बताया एक अक्टूबर को 21, दो अक्टूबर को 19.1, तीन अक्टूबर को 26 और चार अक्टूबर को 52 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गयी। बारिश से कुछ फसल को नुकसान हुआ है, लेकिन रबी फसल के लिए यह वर्षा फायदेमंद है।

Palam Satbarwa News Today